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आधी रात को कलेक्टर से मिलने पैदल निकले छात्र: अधिकारियों में मच गई खलबली, सूचना मिली तो खाली बसें लेकर खुद पहुंचे

 

खरगोन, एजेंसी। मध्य प्रदेश के खरगोन से 11 किलोमीटर दूर मेनगांव स्थित आदर्श एकलव्य आवासीय स्कूल के विद्यार्थी आधी रात कलेक्टर से मिलने पैदल निकल पड़े। ब’चों को पैदल कलेक्टर से मिलने जाने की खबर जैसे ही अधिकारियों को मिली, प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में अधिकारियों ने उन्हें सुरक्षित हॉस्टल पहुंचाकर उनकी समस्याओं का निराकरण करने का दावा किया है।
मेन गेट का ताला तोड़कर निकले ब’चे
बुधवार रात आदर्श एकलव्य आवासीय विद्यालय के करीब 100 छात्र मेन गेट का ताला तोड़कर जिला कलेक्टर से मिलने पैदल निकल पड़े। मामले की भनक लगने पर एसडीएम खरगोन, सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग तथा अन्य अधिकारी वहां पहुंचे। सभी ने विद्यार्थियों को समझाया, लेकिन वह नहीं रुके। बाद में जिला कलेक्टर दो बस लेकर मौके पर पहुंचे और उन्होंने विद्यार्थियों को वापस हॉस्टल पहुंचाया। एसडीएम खरगोन भास्कर गाचले ने बताया कि विद्यार्थियों ने मेनू के अनुसार भोजन ना देने, विभिन्न हाउस में अलग-अलग रहने को कहने, पुस्तक और यूनिफॉर्म नहीं मिलने आदि की शिकायतें की। उन्होंने बताया कि ब’चों को शिक्षकों के साथ बैठाकर समझाइश दी गई। उन्हें बताया गया कि शीघ्र ही पुस्तकें और यूनिफॉर्म उपलब्ध करा दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि कुछ उपद्रवी विद्यार्थियों को शिक्षकों ने अनुशासन में रहने के लिए कहा था, इसके चलते वह लोग क्रोधित थे।
स्कूल में ब’चों के पास बीडी, सिगरेट और मोबाइल मिलने की शिकायत
शिक्षकों ने कुछ विद्यार्थियों के अनुशासनहीन होकर स्कूल में बीड़ी सिगरेट और तंबाकू के उपयोग की भी बात कही। जिला कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने उनके पेरेंट्स को बुलाकर समझाइश देने निर्देश दिए हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हाउस सिस्टम से ब’चे नाराज थे। मोबाइल पर प्रतिबंध के बावजूद उनके पास मोबाइल पाये गए। उन्होंने बताया कि ऐसा भी महसूस हुआ कि ब’चे किसी के उकसाने पर बाहर निकल पड़े थे। जिला कलेक्टर तथा अन्य अधिकारियों ने विद्यार्थियों के साथ भोजन किया और उसे सही गुणवत्ता का पाया। कुछ दिनों पहले झिरनिया स्थित आदर्श एकलव्य के ब’चों ने भी इसी तरह की बगावत की थी। छात्रावास में भोजन व्यवस्था सफाई, किताबें व स्टेशनरी न मिलने, पेयजल और इंग्लिश में पढ़ाई होने को लेकर दिक्कतों के चलते खरगोन के लिए पैदल मार्च करने निकले थे। उन्हें जिला कलेक्टर ने रास्ते में रोक कर हॉस्टल ले जाने के बाद आवश्यक समझाइश दी थी।

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