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SC का निर्णय स्वागत योग्य, एक दिन इंदिरा साहनी केस को भी रिव्यू करेगा शीर्ष कोर्ट

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जबलपुर, यशभारत। जबलपुर में राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने नोट के बदले वोट केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नरसिंह राव सरकार के समय शीर्ष कोर्ट ने नैतिक रूप से असंगत फैसला कर दिया था उसका रिव्यू करते हुए 7 सदस्यीय बेंच ने स्वागत योग्य निर्णय सुनाया है।

पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण से जुड़े सवाल पर तन्खा ने कहा कि दिग्विजय सिंह शासनकाल के दौरान प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण मिल रहा था, जिसे बीजेपी सरकार ने बंद कर दिया था। कमलनाथ सरकार आई तो उसने एक बार फिर ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया, लेकिन वह शीर्ष कोर्ट द्वारा इंदिरा साहनी केस में दिए गए फैसले की मर्यादा को लांघ रहा था। तन्खा ने कहा कि एक न एक दिन शीर्ष कोर्ट को इस मर्यादा का भी रिव्यू करना ही पड़ेगा।

राज्य को पंथ निरपेक्ष होना चाहिए
मोहन यादव मंत्रीपरिषद के अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए जाने के सवाल पर तन्खा ने कहा कि यह एक नई प्रथा है जब हम राज्य स्पोंसर्ड धार्मिक आयोजनों के साक्षी बन रहे हैं। संविधान के अनुसार राज्य को गैर राजनैतिक होना चाहिए उसे सदैव सेक्युलर होना चाहिए। ऐसे में वह किसी एक धर्म विशेष के पक्ष में झुका नहीं रह सकता। बीजेपी के आ जाने से नई व्यवस्था लागू हो गई है जिसमें राज्य धर्म विशेष की परंपराओं का प्रचार कर सकती है। जिसे संवैधानिक रूप भी दिया जा रहा है, जो कि पहले नहीं होता था।

कांग्रेस की भी पूरी तैयारी
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही कांग्रेस भी जल्द ही अपने प्रत्याशी घोषित कर देगी। चुनाव के संबंध में पार्टी की तमाम कमेटियों का गठन किया जा चुका है। छिंदवाड़ा के विषय में उन्होंने कहा कि नकुल नाथ पहले ही कह चुके हैं कि वे कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे लेकिन यदि बीजेपी कुछ सोच रही है तो यह उसकी समस्या है।

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