जबलपुर

Regional Industry Conclave. रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव: एक लाख स्क्वेयर फीट का जबलपुर में बनेगा आईटी पार्क

 

 प्रदेश के 3500 इन्वेस्टर्स से निवेश की उम्मीद

आईटी सेक्टर पर दिया जोर, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क इंडिया का शहर में खुलेगा सेंटर

 

जबलपुर,यशभारत। जबलपुर एक कॉमर्शियल हब है जिसमें डिफेंस इंडस्ट्री की बहुत संभावनाएं हैं। इसके साथ ही यहां आईआईआईटीडीएम है जो कि आईटी क्षेत्र में सबसे अहम है। इसको लेकर मप्र सरकार द्वारा नवंबर माह में जबलपुर में एक लाख स्क्वेयर फीट का आईटी पार्क का लोकार्पण होने जा रहा है और साथ ही सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क इंडिया का सेंटर शहर में खुलने जा रहा है। ये जानकारी मप्र सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा शनिवार को नेताजी सुभाषचंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में दी गई है।
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का शुभारंभ शनिवार को दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीप प्रज्वलन करके किया। इस मौके पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह भी मौजूद रहे।

करोड़ों के निवेश से जबलपुर की तस्वीर बदलने का प्रयास
जानकारी के अनुसार जबलपुर के घंटाघर स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में
6 देशों और 10 प्रदेशों के 35 सौ से अधिक प्रतिनिधि और इंडस्ट्रियलिस्ट मौजूद हैं। आयोजन में करोड़ों रूपयों के इन्वेस्टमेंट की निवेश के जरिए शहर की तकदीर और तस्वीर दोनों को बदलने का प्रयास किया गया है।
आयोजन में कृषि, खाद्य एवं डेयरी प्रसंस्करण, रक्षा, खनन एवं खनिज, कपड़ा एवं परिधान तथा पर्यटन पर विशेष सेशन आयोजित होंगे। विदित हो कि यूके, जापान, मलेशिया, ताइवान सहित 6 देशों के प्रतिनिधि जबलपुर रीजनल कॉन्क्लेव में शामिल हुए हैं।

खनिज सेक्टर में अपार संभावनाएं
इस दौरान ये भी बताया गया कि अनूपपुर, डिंडोरी , बालाघाट में खनिज के इन्वेस्टमेंट में बहुत संभावनाएं हैं। खनिज में मध्यप्रदेश का आज का रेवन्यू 10 हजार करोड़ रुपए है । जो कि मध्यप्रदेश में खनिज की ग्रोथ को दर्शा रहा है।

जबलपुर, कटनी के साथ इन शहरों में लगेगी इंडस्ट्रियां
कटनी के लमतारा, अमकेही, पांर्डुना, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला के साथ जबलपुर में बड़े क्षेत्र में इंडस्ट्रियल क्षेत्र हैं जहां नई संभावनाएं सीएम द्वारा तलाशी जा रही हैं। इन क्षेत्रों में आने वाले समय में अधिक से अधिक इंडस्ट्री लगाने का प्रयास मप्र सरकार द्वारा किया जा रहा है।

लघु फिल्म दिखाकर निवेशकों को किया गया आकर्षित
घंटाघर तैययब अली पेट्रोल पंप के पास स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र में कार्यक्रम की शुरूआत के समय सबसे पहले उद्योगपतियों को लघु फिल्म दिखाकर उघोग जबलपुर और मध्यप्रदेश में क्यों स्थापित किए जाएं इसकी विशेषता से अवगत कराया गया। प्रिंसिपल सेकेटरी राघवेंद्र कुमार सिंह ने इस दौरान निवेशकों और उद्योगपतियों से फूड प्रोसेसिंग सेक्टर, गारमेंट इंडस्ट्री, बिजली पॅालिसी सेक्टर, टूरिज्म सेक्टर सहित अन्य सेक्टर्स पर प्रकाश डालते हुए बताया और समझाया कि क्यों उन्हें इन सेक्टर्स पर निवेश करना चाहिए। इस मौके पर टूरिज्म के क्षेत्र की विशेषता बताई गई। समाचार लिखे जाने तक इतने ही सेक्टर्स पर प्रदर्शन किया गया है।

इनका किया गया सम्मान
11 बजकर 40 मिनिट पर मंच में सीएम डॉ. मोहन यादव को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मंच पर प्रिंसिपल सेकेटरी राघवेंद्र कुमार सिंह, सूक्ष्म लघु मंत्री चैतन्या कश्यप, यांत्रिकी मंत्री संपत्तिया उइके, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, पंचायत ग्रामीण श्रम मंत्री प्रहलाद पटैल, धर्मेंद्र लोधी, लखन पटैल मौजूद रहे। इन सभी अतिथियों का शॉल श्रीफल से कार्यक्रम में सम्मान किया गया।

सीएम ने रिबन काटकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र का किया उद्घाटन
शनिवार सुबह करीब 11.20 बजे घंटाघर तैययब अली पेट्रोल पंप के पास स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र का उद्घाटन सीएम डॉ. मोहन यादव ने रिबन काटकर किया। इसके बाद अतिथियों का मंच पर सम्मान किया गया। सेंटर के शुभारंभ के मौके पर सीएम के साथ विधायक अशोक रोहाणी, सुशील इंदु तिवारी, अजय विश्रोई, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू मौजूद रहे।

आईटी की इन्वेस्टमेंट पॉलिसी का किया गया विमोचन
मध्यप्रदेश में आईटी, आईटीईएस, ईएसडीएम इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2023 का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र में विमोचन किया। गाइडलाइन का विमोचन करते समय सीएम के साथ सभी अतिथियों की मौजूदगी रही।

रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव यहां भी लगेंगे
जानकारी के अनुसार पहला रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव उज्जैन में आयोजित हुआ था जिसके बाद आज जबलपुर में आयोजित हो रहा है। तय कार्यक्रम के अनुसार तीसरा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव सितंबर माह में ग्वालियर में और चौथा अक्टूबर माह में रीवा में आयोजित किया जाएगा।

मानस भवन में हुआ सीधा प्रसारण
घंटाघर के कनवेंशन सेंटर की क्षमता इतनी नहीं है हर किसी को यहां जाने मिले । इसलिए जिला प्रशासन ने मानस भवन में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की है । आयोजन को देखने मानस भवन में बड़ी संख्या में शहरवासियों का समूह पहुंचा।

रक्षा संस्थानों के स्टॉल ने किया आकर्षित
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में एक ओर जहां निबेसक विकास की संभावनाएं तलाश ने आए हैं वहीं बहुत से स्टॉल भी लगाए गए हैं जिनमें सबसे ज्यादा लोगों का ध्यान रक्षा संस्थानों के स्टॉल खींच रहे हैं। जिसमें सरकारी कंपनियों के अलावा कुछ निजी डिफेंस मैन्युफैक्चर भी आए हुए हैं जिन्हें सबसे ज्यादा उत्सुकता से देखा जा रहा है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के कपड़ा उद्योग को प्रदर्षित करने वाले स्टॉल भी यहां मौजूद है।

चंदेली से लेकर मालवा की कला का प्रदर्शन
नेताजी सुभाष चंद्र बोस कल्चर सेंटर में आयोजित हो रही रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मृग नैनी द्वारा अपने कपड़ों की रेंज का प्रदर्शन भी किया जा रहा है। जहां मध्य प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र की संस्कृतियों और कपड़ो को प्रदर्शित किया गया है। जहां चंदेरी साड़ियों के साथ-साथ इंदौर की क्षेत्रीय कला, बुंदेलखंड की क्षेत्रीय कला और मालवा की क्षेत्रीय कला का प्रदर्शन किया गया है।

वजन लेकर चलना होगा आसान
सैनिकों को दुर्गम क्षेत्रों में जाते समय लगभग 40 किलो का वजन अपने साथ रखना होता है ऐसे में एक समय के बाद उन्हें घुटनों की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए एक निजी कंपनी द्वारा एक ऐसा सिस्टम तैयार किया हुआ है जो उनके घुटने और पैरों पर आने वाले जोर को कम कर सकता है साथ ही साथ उनके रिटायर होने के बाद उनके घुटनों की समस्याओं से भी निजात दिला सकता है। सबसे प्रमुख बात यह है कि यह जो कंपनी है यह पूरी तरह से जबलपुर बेस्ड है । रिसर्च का काम भी इसी कंपनी के द्वारा किया जाता है।

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रीजनल कानक्लेव में प्रदर्शित हुई मोडीफाइड एमपीवी
शहर मेें मध्यप्रदेश शासन द्वारा आयोजित रीजनल कानक्लेव में व्हीएफजे की ओर से निवेश कर्ताओं के अवलोकन हेतु मॉडीफाइड एमपीवी को रखा गया है। बताया जाता है कि अनेक निवेशकर्ताओं ने एमपीवी का अवलोकन किया है।निवेश कर्ताओं से सीधे चर्चा करने के लिए एवीएनएल के सीएमडी संजय द्विवेदी औरव्हीएफजे के मुख्य महाप्रबंधक संजय कुमार भोला भी कानक्लेव में हिस्सा लेने पहुंचे हैं।बताया जाता है व्हीएफजे निवेशकर्ताओं के साथ आपूर्तिकर्ताओं की तलाश में है।ताकि व्हीएफजे मे उत्पादन बढ़े।उल्लेखनीय है कि एक जुलाई को व्हीएफजे में कानक्लेव को लेकर पहली बैठक हुई थी।जिसमें कलेक्टर दीपक सक्सेना सहित एमपीआरडीसी के अधिकारी शामिल हुए थे। एग्जीबिशन में व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर द्वारा अपना एंटी टैंक आर्म्ड व्हीकल का प्रदर्शन किया गया है। इसके अलावा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया ने विमान भेदी गन के साथ-साथ टैंक रोधी मिसाईलों का भी प्रदर्शन किया गया है। जिसे लोग कौतूहल की दृष्टि से देख रहे हैं इस के अलावा जो वायर सेलर जबलपुर आ रहे हैं वह भी इन आधुनिक हथियारों को देखकर उनमें रुचि दिखा रहे हैं।
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