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राम रहीम 8वीं बार पैरोल पर निकला, हनीप्रीत पहुंची लेने; मेहरबानी पर उठ रहे सवाल

साध्वी दुष्कर्म समेत कई मामलों में साल 2017 से सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर आया है। मंगलवार को वह पैरोल पर बाहर निकला तो पुलिस का एक लंबा काफिला उसे यूपी के रोहतक स्थित आश्रम छोड़ने गया। रोहतक की सुनारिया जेल से निकले राम रहीम की अगवानी के लिए हनीप्रीत भी आई थी। गुरमीत राम रहीम और हनीप्रीत के संबंधों को लेकर खूब सवाल उठे थे। इसके अलावा कई मामलों में हनीप्रीत को भी आरोपी बनाया गया था। वह राम रहीम को अपने साथ यूपी के बागपत स्थित बरनावा आश्रम में ले गई। डीएसपी संदीप मलिक के नेतृत्व में सीआईए प्रथम प्रभारी कुलदीप सिंह की टीम राम रहीम को आश्रम में छोड़ने गई है।

चार दिन पहले राम रहीम ने पैरोल के लिए अर्जी दाखिल की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया था। अलग-अलग मामलों में राम रहीम को 30 महीने में 8वीं बार पैरोल मिली है। राम रहीम को दो साध्वियों के यौन शोषण से जुड़े केस, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह की हत्या से जुड़े मामलों में उम्रकैद की सजा हो चुकी है। इसी साल जनवरी में राम रहीम को 40 दिन की पैरोल मिल गई थी। फिर इसी साल अपने जन्मदिन से पहले उसे 20 जुलाई को पैरोल मिली थी। तब वह 30 दिन के लिए बाहर आया था। बाहर आने के बाद राम रहीम उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित अपने आश्रम में रहा था।

बार-बार पैरोल देने पर सवाल, विधान सभा चुनाव से ठीक पहले जेल से आया बाहर
राम रहीम को बार बार पैरोल मिलने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस बार तो उसे राजस्थान विधान सभा चुनाव से ठीक पहले पैरोल मिली है। राजस्थान में डेरा सच्चा सौदा का बहुत प्रभाव है। राम रहीम खुद भी राजस्थान के श्री गंगानगर का रहने वाला है। हरियाणा विधान सभा चुनाव में डेरे ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की थी और हरियाणा में बीजेपी की सरकार फिर से बनी थी। वहीं, इसी साल जनवरी में राम रहीम को 40 दिन की पैरोल मिलने पर बखेड़ा खड़ा हो गया था। बात निकली तो दूर तक गई जिसके बाद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि सभी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए पैरोल पाना डेरा सच्चा सौदा प्रमुख का अधिकार है।

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