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प्रोफेसर प्रदीप उप्पल की ‘अभ्युदय’ पुस्तक का विमोचन: जीवन दर्शन पर आधारित कृति

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जबलपुर, मध्य प्रदेश: संस्कारधानी जबलपुर में माँ नर्मदा के आँचल में पले-बढ़े प्रोफेसर प्रदीप उप्पल ने अपने जीवन दर्शन पर आधारित कृति ‘अभ्युदय’ का विमोचन किया। यह पुस्तक उनके पिता स्वर्गीय श्री ओमप्रकाश उप्पल और देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी से प्रेरित है। महापौर जगत बहादुर सिंह “अन्नू” के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व निगमायुक्त ओमप्रकाश श्रीवास्तव मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए।
महापौर ने की सराहना
महापौर जगत बहादुर सिंह “अन्नू” ने इस अवसर पर कहा कि जबलपुर के देवतुल्य नागरिक अपने संस्कारों के अनुरूप विभिन्न क्षेत्रों में कीर्ति स्थापित कर समाज को लगातार संस्कारित कर रहे हैं। उन्होंने प्रो. उप्पल की कृति ‘अभ्युदय’ को समाज के लिए एक महत्वपूर्ण देन बताया, जिससे प्रत्येक व्यक्ति जीवन दर्शन की झलक देखेगा और अपने जीवन को सार्थक कर सकेगा। महापौर ने मनुष्य और अन्य जीवों में त्याग और समर्पण के अंतर को भी रेखांकित किया।
वक्ताओं ने दिए विचार
पुस्तक विमोचन के अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने ‘अभ्युदय’ के महत्व पर प्रकाश डाला:
* कुलगुरु राजेश वर्मा ने कहा कि ‘अभ्युदय’ जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त करने वाली पुस्तक है, जिसे पढ़ने से निश्चित रूप से समाज का अभ्युदय होगा।
* पूर्व निगमायुक्त एवं वरिष्ठ आईएएस ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने इसे जीवन दर्शन पर आधारित एक अच्छी और उपयोगी पुस्तक बताया, जिसे हर व्यक्ति को पढ़कर अपने जीवन में उतारना चाहिए।
* मुख्य वक्ता डॉ. अखिलेश गुमाश्ता ने अपने अनूठे अंदाज में ‘अभ्युदय’ की व्याख्या की।
* शहर के कवि एवं शायर सूरज राय सूरज ने कहा कि ‘अभ्युदय’ का अर्थ ही प्रगतिशील होना है, जो हर व्यक्ति की आवश्यकता है, और इस मायने में यह पुस्तक सभी के लिए उपयोगी है।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
कार्यक्रम में डॉ. संजय मिश्रा (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) ने आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एवं यश भारत के डायरेक्टर आशीष शुक्ला और समाजसेवी राजुल करसोलिया सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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