भोपाल

प्रदेश की जीवन दायिनी मां नर्मदा की लहरों पर क्रूज चलाने की तैयारी

प्रदेश की जीवन दायिनी मां नर्मदा की लहरों पर क्रूज चलाने की तैयारी

– नर्मदा तटों के किनारे रहने वाले युवाओं के लिए खुलेंगे रोजगार के रास्ते 

– अयोध्या क्रूज़ लाइन्स, नॉलेज माइनिंग एंड इंजीनियरिंग वर्क्स लिमिटेड, अल्केमी क्रूज लाइंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों ने तैयार की कार्ययोजना 

आशीष दीक्षित, भोपाल। प्रदेश की जीवन दायिनी मां नर्मदा की लहरों पर पर्यटक क्रूज के सफर पर रोमांचक अनुभव कर सकेंगे। मप्र सरकार क्रूज को चलाने की तैयारी कर रही है। अयोध्या क्रूज़ लाइन्स ने मध्यप्रदेश में क्रूज पर्यटन परियोजनाओं के लिए 70 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव रखा है। नॉलेज माइनिंग एंड इंजीनियरिंग वर्क्स लिमिटेड ने क्रूज के साथ हाउस बोट और वाटर-स्पोर्ट्स गतिविधियों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है। इसी तरह अल्केमी क्रूज लाइंस प्राइवेट लिमिटेड ने नर्मदा नदी पर धार जिले के कुक्षी से लेकर गुजरात के केवडय़िा स्थित स्टेचू ऑफ यूनिटी तक क्रूज संचालन की योजना बनाई है। जलक्रीड़ा, रिवरफ्रंट डाइनिंग, सांस्कृतिक कार्यक्रम और हाउस बोट ठहराव के क्षेत्रों में भी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ सकती है। इससे नर्मदा तट पर रहने वाले युवाओं को रोजगार के बेहतर मौके मिलेंगे।
नर्मदा नदी को पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित करने के लिए राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र के साथ मिलकर ठोस पहल शुरू की है। जीआईएस भोपाल (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट) के दौरान बड़े निवेश प्रस्ताव सामने आए थे। इसी के तहत युवाओं के लिए रोजगार के खुलेंगे
पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इन प्रस्तावित परियोजनाओं से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। राज्य सरकार निवेशकों को आवश्यक भूमि, परमिट, सुरक्षा और अवसंरचना उपलब्ध कराने में सहयोग दे रही है। साथ ही, जलमार्गों के विकास, जेटी निर्माण, हाउस बोटों के ठहराव और जल क्रीडा गतिविधियों के लिए नर्मदा के चयनित हिस्सों में सर्वे भी किया जा चुका है।
एक ही सर्किट किया जाएगा तैयार 
ओंकारेश्वर, महेश्वर, मांडू, धार और अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक केंद्र क्रूज मार्ग का हिस्सा बन सकते हैं। इस पूरे जल मार्ग को एक ही सर्किट में तैयार किया जाएगा। जानकारों के मुताबिक क्रूज पर्यटन के विकास से मध्यप्रदेश में पर्यटन की विविधता और बढ़ेगी। नर्मदा नदी के तटवर्ती धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों को एक साथ जोडक़र पर्यटकों के लिए नए पैकेज तैयार किए जा सकते हैं।

नर्मदा के पारिस्थितिकी तंत्र का रखा जा रहा ध्यान 
जीवन दायिनी नर्मदा के पारिस्थितिकी तंत्र का ध्यान परियोजना के तहत रखा जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके तहत स्वच्छ ईंधन आधारित क्रूज और पर्यावरण-अनुकूल अवसंरचना पर बल दिया जाएगा ताकि नर्मदा के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान न पहुंचे।

केरल, गोवा और मुंबई तक सीमित है क्रूज पर्यटन 
अब तक क्रूज पर्यटन मुख्यत: केरल, गोवा और मुंबई जैसे तटीय राज्यों तक सीमित रहा है। लेकिन मध्यप्रदेश के नर्मदा के सहारे यह पहल पर्यटकों के लिए एक अनूठा अनुभव साबित हो सकती है। अधिकारियों के मुताबिक, जैसे ही प्रारंभिक परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी, राज्य में क्रूज पर्यटन की श्रृंखला तेजी से विस्तारित की जाएगी। स्थानीय लोगों और उद्यमियों के लिए यह अवसर व्यापारिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा।
प्रयास किए जा रहे हैं
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी तरह क्रूज चलाने के लिए भी विचार किया जा रहा है। कई बड़ी कंपनियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है। जल्द ही पर्यटकों के लिए क्रूज की सुविधा भी मिल सकेगी।
– धर्मेंद्र लोधी, पर्यटन मंत्री, मप्र शासन

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