समाज की व्यवस्थाओं के लिए पुलिस का होना जरूरी है: सीएम -शहर, गांव और गली डॉयल 112 के माध्यम से सुरक्षित हो और तत्काल पुलिस सहायता पहुंचाई जा सके

समाज की व्यवस्थाओं के लिए पुलिस का होना जरूरी है: सीएम
-शहर, गांव और गली डॉयल 112 के माध्यम से सुरक्षित हो और तत्काल पुलिस सहायता पहुंचाई जा सके
-मुख्यमंत्री ने डॉयल 112 सेवा का किया शुभारंभ, हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
भोपाल, यशभारत।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज कुशाभाऊ अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में मध्यप्रदेश पुलिस की नई आपातकालीन सेवा डायल 112 का शुभारंभ किया और हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे जिंदगी के साथ मौत का अपना रिश्ता है, वैसे ही समाज के लिए समाज की व्यवस्थाओं के लिए पुलिस का होना भी उतना ही जरूरी है। इस मौके पर डीजीपी कैलाश मकवाणा ने डॉयल 112 के बारे में बताते हुए कहा कि ढाई माह में 12 सौ एफआरव्ही वाहन सेंट्रल कमान रन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कुशाभाऊ अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में डॉयल 112 सेवा का शुभारंभ अवसर पर कहा कि वैसे तो किसी के घर के आगे पुलिस आए तो अच्छा नहीं लगता है, समाज हमारा स्वअनुसाशित उसका स्वभाव है, लेकिन जैसे जिंदगी के साथ मौत का एक अपना रिश्ता है। वैसे ही समाज के लिए समाज की व्यवस्थाओं के लिए पुलिस का होना भी उतना ही जरूरी है और पुलिस का होना जरूरी है और तत्पर्ता की ओर ताकत बढ़ जाए तो सोने पर सुहागा हो जाता है। उन्होंने कहा कि जब मध्य प्रदेश सरकार द्वारा डायल 100 योजना चलाई गई उस समय इस योजना को लेकर मेरे मन में संशय था, मेरा सोचना गलत था और योजना बेहतर। जब योजना शुरू हुई तो वाकई रिजल्ट काबिले तारीफ थे, लेकिन अब मैं यह मानता हूं कि इस योजना में और भी तकनीकी सुधार हम लाएंगे जिससे शहर, गांव, गली डॉयल 112 सेवा के माध्यम से सुरक्षित हो और लोगों तक तत्काल पुलिस सहायता पहुंचाई जा सके। इस मौके पर डीजीपी कैलाश मकवाणा, राज्यमंत्री कृष्णा गौर, अपर मुख्य सचिव गृह जेएन कंसोटिया, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रेडियो, दूरसंचार संजीव शमी समेत पुलिस विभाग के कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
क्या है डॉयल 112:-
मध्यप्रदेश में डायल-100 की व्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए डायल-112 को इंटीग्रेटेड, स्मार्ट और मल्टी पर्पज आपातकालीन सेवा के रूप में शुरू किया जा रहा है। इसमें नई तकनीकों का उपयोग किया गया है, जिसमें डेटा एनालिटिक्स, रियल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग शामिल है। डायल-112 सेवा शुरू होने के बाद अब पुलिस (100), स्वास्थ्य, एम्बुलेंस (108), अग्निशमन (101), महिला हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेल मदद (139), हाईवे एक्सीडेंट रिस्पॉन्स (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन (181, 1098) जैसी सभी सेवाएं एक ही नंबर 112 से उपलब्ध होंगी।







