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धान डम्प मामला: 9 दिन बाद भी अलग नहीं किए गए केंद्र, एक वेयरहाउस को ब्लैकलिस्टेड करने का नोटिस दो पर खामोशी

जबलपुर, यश भारत। धान उपार्जन के पहले ही गोदाम परिसर में धान डंप करने के मामले में एक ओर जहां कलेक्टर दीपक सक्सेना शक्ति दिखा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक अधिकारी कार्यवाही से बच रहे हैं। 19 नवंबर को मझौली के निशिका वेयरहाउस को उपार्जन से बाहर करने को लेकर एसडीएम द्वारा रिपोर्ट दी गई थी। इसके बाद कलेक्टर ने कार्रवाई करते हुए गोदाम को ब्लैकलिस्टेड करने का आदेश दिया था । लेकिन 9 दिन बीत जाने के बाद भी ना तो निशिका वेयरहाउस को मैपिंग से अलग किया गया है न ही वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन द्वारा ब्लैकलिस्टेड की कार्रवाई की गई है।

बचाने की हो रही कोशिश

निशिका वेयरहाउस के अलावा पनागर के जय श्री कृष्ण वेयर हाउस और शाहपुरा के अभिषेक वेयरहाउस में भी धान डंप करने का मामला सामने आया था। जिसको लेकर दोनों ही तहसीलों के एसडीएम द्वारा तत्काल प्रभाव से केंद्र अलग करने को लेकर प्रस्ताव भेजा गया था। जिस पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है और मैपिंग में ऑनलाइन यहां पर उपार्जन केंद्र दिख रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब प्रशासनिक अधिकारी कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दे रहे हैं तो फिर इन्हें बचाने का प्रयास कौन कर रहा है ।

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जहां भी केंद्र बनाए गए हैं वहां स्लॉट बुक होने के पहले कोई भी किसान अपनी धान लेकर नहीं आएगा। यदि ऐसा होता है तो कार्यवाही की जाएगी। पिछले साल भी इसी रवैया के चलते 36 गोदाम को ब्लैकलिस्ट किया गया था।

दीपक सक्सेना, कलेक्टर जबलपुर

:ब्लैकलिस्टेड करने को लेकर अभी सिर्फ एक वेयरहाउस का नाम हमारे पास आया है, दो के नाम हमारे पास नहीं भेजे गए हैं जब प्रशासन की तरफ से कोई लिखित जानकारी आएगी तो कार्रवाई की जाएगी।

संतोष सोलंकी, रीजनल मैनेजर, मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन

उक्त तीनों गोदाम को उपार्जन से अलग करने के लिए प्रस्ताव बनाया गया है लेकिन अभी वे पोर्टल से अलग नहीं हुई है। जल्द ही उन्हें उपार्जन से अलग कर दिया जाएगा।

संजय खरे, सहायक खाद्य नियंत्रण

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