अब इंसानों की तरह मूक पशुओं की होगी जांच
वेटरनरी विश्वविद्यालय में टॉक्सिकोलॉजी लैब जल्द शुरू होगी

जबलपुर यशभारत। इंसानों की तरह अब जानवरों की भी सभी तरह की जांच की जाएगी। वेटरनरी विश्वविद्यालय में टॉक्सिकोलॉजी लैब और जांच जल्द शुरू होगी। भवन निर्माण के साथ मशीनों का इंस्टालेशन का काम पूरा कर लिया गया है। कुछ काम बचे हैं। अक्टूबर के अंत तक इस लैब को शुरू करने का प्रयास विश्वविद्यालय प्रशासन कर रहा है। स्टाफ को आवश्यक ट्रेनिंग दी गई है। इस अत्याधुनिक लैब के तैयार होने से वन्य जीवों की जहर से जुड़ी जांच हो सकेंगी। लैब लगभग तैयार हो चुकी है। जल्द ही इसे शुरू करने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं ।
यह होगी सुविधा
टॉक्सिकोलॉजी लैब में जानवरों में मौजूद रसायनों और सिंथेटिक रसायनों का पता लगाया जा सकेगा। टॉक्सिकोलॉजी लैब में पेस्टीसाइड और दवाओं की ओवरडोज और सभी प्रकार के जहर की जांच होगी। जानकारों के मुताबिक यह महाकोशल की पहली टॉक्सिकोलॉजी लैब है। दावा किया जा रहा है कि इस लैब में अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसका फायदा पूरे महाकोशल क्षेत्र को होगा।
अभी तक नहीं व्यवस्था
वन्य प्राणियों और घरेलू पशुओं में जहरखुरानी के मामलों की जांच के लिए वेटरनरी अस्पताल में ऐसी कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। इससे वन्य जीवों को जहर देकर मारने, नदी-तालाब में जलीय जीवों के मरने जैसे कारणों की जांच के लिए परेशानी आती है। सेम्पलों को जांच के लिए सागर फारेंसिक लैब या दिल्ली भेजना पड़ता है।
मंडी बोर्ड के सहयोग से किया निर्माण
प्रयोगशाला का निर्माण मंडी बोर्ड के सहयोग से वेटरनरी कॉलेज के कैम्पस में किया गया है। इस पर करीब 2 करोड़ खर्च हुआ है। लैब में सभी तरह की अत्याधुनिक मशीनों को लगाया गया है। अत्याधुनिक गैस क्रोमोटोग्राफी मशीन की कीमत ही एक करोड़ है। इसके अलावा रियल टाइम पीसीआर सहित अन्य आधुनिक मशीनें इंस्टाल की गई हैं। मशीनों के लिए एयरकंडीशन रूम तैयार किए गए हैं। मशीनों से वन्य जीवों के खून में मौजूद पेस्टिसाइड, इंसेक्टिसाइड के बारे में पता लगाया जा सकेगा।