JABALPUR. रविवार को मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग का प्री एग्जाम संपन्न हुआ। हर बार की तरह इस मर्तबा भी प्रतिभागियों को कुछ प्रश्नों और उसके विकल्पों को लेकर यह डाउट है कि वे गलत सवाल हो सकते हैं। पीएससी के एग्जाम में बैठे प्रतिभागी इन सवालों को लेकर उन्हें तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थान पहुंचे तो उनके मेंटर भी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि परीक्षा में पूछे गए ये सवाल पूरी तरह से सही हैं भी या नहीं।
इन सवालों पर संशय
पीएससी एग्जाम की तैयारी कराने वाले प्रवीण मिश्रा ने बताया कि पीएससी के प्री एग्जाम में पूछे गए राज्य के नीति निर्देशक तत्वों संबंधी सवाल पर संशय की स्थिति है। सवाल पूछा गया है कि राज्य के नीति निर्देशक तत्वों की व्याख्या भारत के संविधान के पार्ट 4-क में की गई है। यह व्यवस्था किस देश से ली गई। विकल्पों में ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त राज्य अमेरिका और आयरलैंड शामिल हैं। प्रवीण का कहना है कि राज्य के नीति निर्देशक तत्व तो आयरलैंड से लिए गए थे लेकिन संविधान का पार्ट 4-क रशिया से लिया गया था। इसलिए इस सवाल में संदेह की स्थिति है।
इसी तरह एक संस्थान में प्रतिभागियों को पीएससी की तैयारी कराने वाली मोनाली कुंगानी का कहना है कि उन्हें दो सवालों में संदेह है। पहला सवाल तो पटल विरुपण प्रक्रिया संबंधी है। जिसमें संदेह की स्थिति है। वहीं दूसरा सवाल भारत सरकार के राष्ट्रीय पोषण कार्यक्रम से संबंधित है जिस पर संदेह है। मेंटर्स का मानना है कि सवाल के अनुसार दो विकल्प सही पाए जा रहे हैं।
आयोग की आंसरकी का इंतजार
इन संशयों के बीच सभी प्रतिभागी अब एमपीपीएससी की ओर से जारी होने वाली आंसरकी का इंतजार कर रहे हैं। जिससे यह पता लगेगा कि आयोग इन सवालों का सही जवाब किसे मानता है। माना जा रहा है कि सोमवार रात तक आंसर की जारी कर दी जाएगी।
पहले भी पूछे जा चुके हैं गलत सवाल
बता दें कि एमपीपीएससी द्वारा परीक्षा में गलत सवाल पूछे जाना कोई नई बात नहीं है। बीते कई सालों में पीएससी के प्री एग्जाम में पेपर सेटर की योग्यता पर सवाल भी खड़े हो चुके हैं। हालांकि जब तक आयोग की आंसर की जारी नहीं हो जाती तब तक इस संबंध में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन परीक्षा में बैठे प्रतिभागी और कोचिंग संस्थानों के मेंटर्स साफ इशारा कर रहे हैं कि पेपर देखने के बाद पूरी संभावना है कि कुछ सवाल डिलीट किए जा सकते हैं।