नवीन शैक्षणिक सत्र के नए आदेश जारीः स्कूल शिक्षा विभाग ने क्या-क्या प्रावधान किए पढ़े… पूरी खबर

जबलपुर, यशभारत। नवीन शैक्षणिक सत्र के तहत पूरे साल स्कूलों में क्या-क्या होगा, अधिकारियों को कौन-कौन सी कार्रवाई करना है इसके आदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी कर दिए हैं। आवश्यक दिशा-निर्देश के तहत कलेक्टर से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई करानी होगी।
प्रदेश के विभिन्न बोर्ड ध् सी.बी.एस.ई.ध्आई.सी.एस.सी. एवं अन्य बोर्ड समस्त अशासकीय विद्यालयों के लिये मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 एवं मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम, 2020 प्रभावशील है।
नियम 2020 की कंड़िका 6 में प्रावधान है कि ष्निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा छात्र या अभिभावकों को पुस्तकें, यूनिफॉर्म, टाई, जूते, कॉपी आदि केवल चयनित विक्रेताओं से कय करने के लिए औपचारिक अथवा अनौपचारिक, किसी भी रूप में बाध्य नही किया जायेगा। छात्र या अभिभावक इन सामग्रियो को खुले बाजार से कय करने के लिये स्वतंत्र होगेंष्।
उक्त नियम लागू होने के उपरांत भी कतिपय जिलों से उक्त संबंध में शिकायतें प्राप्त होती है। विगत वर्षों में प्राप्त शिकायतों को ध्यान में रखते हुए विभाग के परिपत्र कमांक 550-51ध्744ध्2018ध्20-3 दिनांक 01.04.2024 एवं कमांक 200ध्1992061 ध्2024ध्20-3 दिनांक 27.04.2024 के माध्यम से संबंधितों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करने के समस्त जिला कलेक्टर को निर्देश दिये गये थे।
मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 एवं मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के प्रावधानों का सम्यक रूप से पालन हो सके इस हेतु विगत सत्र में आपको जिले में पुस्तक मेलों का आयोजन किये जाने के निर्देश दिये गये थे, जो कि अभिभावकों हेतु सहायक एवं काफी उपयोगी रहा।
यदि जिला स्तर पर यह धारणा है कि इस तरह के मेलों के आयोजन से आपके जिले के अभिभावक एवं विद्यार्थियों को सुविधा उपलब्ध होगी तो कृपया आप अपने जिले अन्तर्गत पुस्तक मेले का आयोजन करले, जिसमें पुस्तक, स्टेशनरी, यूनीफार्म एवं शूज इत्यादि के स्टाल लगाकर समस्त अभिभावकों एव विद्यालय प्रबंधक को आमंत्रित करें। 6/ यह भी सुनिश्चित करलें कि जिले के अशासकीय विद्यालयों द्वारा पालकों पर पुस्तके, यूनीफार्म, स्टेशनरी एवं शूज इत्यादि किसी विशेष दुकान अथवा विद्यालयों से कय किये जाने हेतु बाध्य तो नहीं किया जा रहा है। इसकी मॉनीटरिंग हेतु जिला स्तर पर विभिन्न समितियों का गठन करना सुनिश्चित करें।