जबलपुर- नागपुर रोड के मेंटेनेंस में बरती जा रही लापरवाही, हादसों का बन रही कारण,जगह-जगह टूट रहे पहाड़ , बिना सुरक्षा मापकों के खोद दी जाती है रोड

. जबलपुर यश भारत। एलएनटी कम्पनी द्वारा निर्मित नेशनल हाइवे क्रमांक 34 इन दिनों निर्माण करने वाली कंपनी के द्वारा कई जगह मेंटेनेंस के नाम पर खोद दिया गया है जो कई हादसों का कारण बन रहा है। यहाँ बिना सुरक्षा व्यवस्था के रोडो को खोदकर पुनः बनाया जा रहा है, आश्चर्य की बात यह है कि जिन जगहो पर मेंटेंस किया जा रहा है उनमें फ़िर से धसी हुई रोड़ के हिस्सों पर अनेकों क्रैक देखे जा सकते हैं। यह काम संबंधित ठेकेदार की 5 साल की जमा मेंटेनेंस राशि से गुणवत्ता वाले मेंटेन्स कार्य किया जा रहा है। यह काम करने वाली एलएनटी कंपनी के कर्मचारियों एवम वरिष्ठ अधिकारियों की जुगलबंधी के चलते सरकारी पैसो को पलीता लगाने की होड़ लगी है ।
बड़े हादसे का हो रहा है इंतजार-देश में जहां-तहां सड़क किनारे बिजली के तार गिरने से होने वाले हादसों की खबरें आती रहती है। उसके बाद भी जबलपुर नागपुर रोड पर प्रशासन और ठेका कंपनी के द्वारा कोई भी सुरक्षात्मक कार्य नहीं करे जा रहे हैं।
132केवी की जबलपुर से लखनादौन के क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति करने वाली लाईन इसी हाईवे से लग कर धूमा बंजारी की पहाड़ी से होकर गुजरती हैं। जिसमें अनवरत रूप से 132केवी का करंट 24घंटे दौड़ता रहता है इस और इस मार्ग से जबलपुर से नागपुर होते हुए सैकड़ो बाहनो का आना-जाना जारी रहता है। वही बंजारी घाट के नीचे पहाड़िया धशक रही है। धूमा बंजारी की पहाड़ी की टहनी में 132 केवी का पोल गड़ा हुआ है।जो पहाड़ी के धसने के कारण 132 केवी की लाइन कभी भी खंबे सहित फोरवे रोड़ में गिर सकती है। ढलान होने से तेज़ रफ़्तार में आती जाते वाहन इसकी चपेट में आ जाएंगे। जो किसी बड़ी दुर्घटना का कारण होगा।
हाईवे पर गिर रहे पत्थर-धूमा बंजारी घाट सहित अन्य घाटों में अचानक से पत्थरों और पेड़ो गिरना आम बात हो गई है। जिसमें आने जाने वाले वाहनों एवं राहगीरों को किसी भी समय जान गंवानी पड़ सकती है। इस संबंध में एनएएचआई के प्रॉजेक्ट मैनेजर से बात की गई तो वो अपनी जाबदेही से बचते नज़र आये येसी विकट परिस्थितियों में नेशनल हाइवे 34 का भगवान ही मालिक हैं । जबलपुर से लेकर सिवनी जिले की सीमा तक जो नया निर्माण हुआ है उसमें सबसे ज्यादा समस्याएं आ रही है। जहां मेंटेनेंस के साथ-साथ पहाड़ से गिर रहे पत्थर दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं।
लापरवाही से हो चुकी कई मौत-निमार्ण में हुई लापरवाही के चलते अनेक लोग घर पहुंचने के स्थान पर सीधे शमशान पहुच रहे हैं। आपको बता दें कि मेंटेनेंस कार्य के लिये अनेक स्थान पर रोड खोद दी गई है। जहां पर बगैर परिवर्तित मार्ग बनाए रोड में निम्न गुणवत्ता का माल भर दिया जाता है और हफ्ता 15 दिन में मेंटेनेंस की गई जगह या तो फिर से धस जाती है या उसमें बड़े-बड़े क्रैक जाते हैं। जिसके कारण छोटे बड़े वाहन अनबेलेंस होकर पलट जाते हैं। बरसात के मौसम में गाड़ियां स्लिप मार कर पलटना आम बात हो गई है। बारिश के मौसम में रास्ते में जगह-जगह मूक जानवर कुत्ते बिल्ली भेढ बकरी, गाय भैंस बंदर आदि रास्ते में मृत पड़े रहते हैं। इन्हें हटाने की जवाबदारी कम्पनी की होती हैं इन्हें नहीं हटाया जाता बह के सड़ गल कर वही पड़े दुर्गन्ध मारते रहते हैं ।