
23 सितंबर की तड़के साढ़े 4 बजे। 27 साल की सपना अपने दो जुड़वा बच्चों को लेकर भोपाल में अपने घर से निकलती है। वह पैदल ही दोनों बच्चों को सीने से लगाकर घर से डेढ़ किलोमीटर दूर हबीबगंज इलाके में पहुंचती है। हबीबगंज थाने से थोड़ी दूर बच्चों के कपड़े उतारती है। फिर करीब 50 कदम दूर बच्चों को लेकर आगे बढ़ती है। यहां पर एक मंदिर के पीछे बनी बाउंड्री वॉल के पास बच्चों का अपने ही हाथ से गला घोंटती है। इसके बाद करीब 8 फीट ऊंची बाउंड्री के उस पार झाड़ियों में फेंक देती है। इसके बाद बस में बैठकर टीटी नगर पहुंचती है। इसी बीच पति को फोन कर बताती है कि बच्चे चोरी हो गए हैं। मामला पुलिस तक पहुंचता है।
इसके बाद पुलिस खोजबीन शुरू कर देती है। महिला गुमराह करने के लिए तरह-तरह की कहानियां गढ़ती है। चार दिन तक लगातार यही चलता रहा। अंतत: पुलिस की सख्ती के आगे वह सच्चाई उगल देती है। बताती है कि ससुराल वाले ताने देते थे कि एक बिटिया पहले से है, अब जुड़वा बेटे पैदा कर लिए, तीनो बच्चों को कैसे पालेगी। बच्चों के लापता होने का सस्पेंस मंगलवार उनके शव मिलने के बाद खत्म हुआ। पुलिस ने बच्चों की हत्या के आरोप में उनकी मां को गिरफ्तार कर लिया है।
सबसे पहले निर्दयी मां के बारे में जानिए
सपना धाकड़(27) मूलतः बैरसिया की रहने वाली है। 2017 में उसकी शादी कोलार गेस्ट हाउस के पास रहने वाले बृजमोहन धाकड़ (28) से हुई थी। सपना ने (7 सितंबर) को जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। उसकी तीन साल की एक बेटी पहले से है। 23 सितंबर को सुबह 4.30 बजे जब परिवार वाले सो रहे थे, तब सपना दोनों बच्चों को लेकर घर से निकल गई थी। उसने उसी दिन बच्चों को हबीबगंज इलाके में गलाघोंट कर मार डाला। इसके बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए बस से टीटी नगर पहुंची। बच्चों के चोरी होने की कहानी गढ़ी।