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मध्यप्रदेश पुलिस के लिए “ध्यान” बना संजीवनी बूटी – प्रदेश के पुलिस कर्मियों को तनाव मुक्त रखने के लिए प्रारंभ किया गया अभियान देश भर में छाया

यशभारत, भोपाल। (आशीष दीक्षित) देश भक्ति जनसेवा का सूत्रवाक्य आत्मसात करने वाला पुलिस महकमा अब अपने पुलिस कर्मियों का तनाव दूर करने में जुटा हुआ है। दिन रात 24 घंटे से भी अधिक समय तक ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों का तनाव तो हो ही रहा है साथ ही स्वास्थ्य पर व परिवार पर भी असर पड़ रहा है। पुलिस कर्मियों को तनाव मुक्त रखने के लिए पुलिस मुख्यालय भोपाल हार्टफुलनेस संस्थान के माध्यम से अभियान चला रहा है। पुलिस कर्मियों को ध्यान कराया जा रहा है बल्कि उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि वे अवसाद से दूर रहें और अपनी ड्यूटी व परिवार के बीच तालमेल बैठा सकें। ध्यान अभियान अब मध्यप्रदेश पुलिस के लिए संजीवनी बूटी बन गया है। सबसे खास बात तो यह है कि देशभर मध्यप्रदेश ही ऐसा प्रदेश है जहां पर पुलिस कर्मियों के लिए इस तरह का अभियान चलाया जा रहा है।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने पुलिस कर्मियों के लिए यह नवाचार किया है। एक बैठक के दौरान उन्होंने इस अभियान की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जो फीड बैक सामने आया है वह राहत देने वाला है। प्रदेश भर में थाना स्तर से लेकर पुलिस लाइन व आला अफसरों तक को इस अभियान का लाभ मिल रहा है। पुलिसकर्मी अवसाद से दूर तो हो ही रहें साथ ही ड्यूटी के दौरान परेशानी भी नहीं आ रही है।
पुलिस मुख्यालय और संस्थान ने किया है एमओयू साइन – डीजीपी कैलाश मकवाणा और हार्टफुलनेस संस्थान के मार्गदर्शक व रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष पदमभूषण कमलेश डी पटेल दाजी द्वारा एमओयू साइन किया गया है। यह पहला मौका है जब किसी संस्थान के साथ जुड़ कर पुलिस महकमा पुलिस कर्मियों के लिए ध्यान अभियान चला रहा है।
पुलिस बल के लिए तनाव बड़ी चुनौती – रुचि वर्धन
पुलिस महानिरीक्षक रुचि वर्धन मिश्र का कहना है कि पुलिस बल के बीच तनाव एक बड़ी चुनौती है। ध्यान के अभ्यास को अपनाने से तनाव कम होगा, उर्जा का संचार होगा। और पुलिस कर्मियों के व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में सामंजस्य और संतुलन आएगा साथ ही दक्षता और क्षमता के साथ नकारात्मक तत्वों से लडने में भी सक्षम होंगे।
खुदकुशी के लगातार सामने आ रहे मामले
काम के बोझ से दबे पुलिस कर्मियों के सामनेे चुनौतियां अधिक रहती हैं। प्रदेश में कई ऐसे मामले आ चुके हैं जिसमें पुलिस कर्मी ने खुदकुशी कर ली। महकमे के आला अधिकारी भी मानते हैं कि पुलिस कर्मियों को ड्यूटी लगातार करनी पडती है। इसके कारण व्यवहारिक जीवन में कई तरह की कठनाईयों को सामना करना पड़ता है। हार्टफुलनेस संस्थान के साथ जुड़कर पुलिस कर्मियों को तनाव मुक्त करने के लिए अभियान प्रारंभ किया गया है जो संजीवनी बुटी तरह की काम कर रहा है।
पुलिस कर्मियों से साझा किए अनुभव
एक साल से हार्टफुलनेस संस्थान से जुड़ा हुआ हूं, जो मुझे हर क्षेत्र में सकारात्मक रुप से जोड़ता है।
– नागेंद्र सिंह, सूबेदार
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ध्यान के कारण निर्णय क्षमता बढ़ गई , ध्यान का काफी लाभ मुझे मिला है।
– शिवम मेहरा, आरक्षक
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कई बार लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है, कई बार ऐसी घटनाएं होती है जिससे पुलिस कर्मी का मन भी व्यथित होता है, ध्यान से सकारात्मक आई है।
– धर्मराज मीणा, आईपीएस
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निर्णय लेने की क्षमता में बदलाव आया है, सोच बहुत अच्छी है।
– जय सिंह तोमर, रक्षित निरीक्षक
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ध्यान सत्र में भाग लेने के बाद अनुभव बहुत अच्छा हुआ है बहुत ही सकारात्मक पहल है।
– अरविंद सक्सेना, पुलिस महानिरीक्षक, ग्वालियर
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पुलिस कर्मियों को तनाव से मुक्त करने के लिए हार्टफुलनेस संस्था के माध्यम से अभियान को प्रारंभ किया गया है। इस अभियान के सार्थक अभियान सामने आए हैं।
– गजेंद्र गौतम, क्षेत्रीय समन्वयक, हार्टफुलनेस संस्था
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ध्यान जीवन में आनंद लाने लाने का माध्यम है। ध्यान हमारी भारतीय योग विद्या का एक महत्वपूर्ण सौपान है। विभागीय अधिकारी भी इसका लाभ ले रहे हैं। संस्थान के प्रशिक्षक हर जगह जाकर प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस अभियान का फीडबैक बहुत अच्छा सामने आया है।
– रुचिवर्धन मिश्र, पुलिस महानिरीक्षक, प्रशासन, पुलिस मुख्यालय भोपाल मप्र

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