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जबलपुरमध्य प्रदेश

मकर संक्रांति से होता है नए प्रशासनिक वर्ष के प्रथम त्यौहार का आगमन

यश भारत जीवन ज्योतिष

यश भारत जीवन ज्योतिष में पूर्व डीआईजी और प्रख्यात ज्योतिष आचार्य मनोहर वर्मा से यश भारत के संस्थापक आशीष शुक्ला ने मकर संक्रांति पर्व क्या है और क्यों मनाया जाता है, विषय पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान श्री वर्मा ने कहा कि नवीन प्रशासनिक वर्ष का प्रथम त्यौहार मकर संक्रांति है जो एक खगोलीय घटना है। सूर्य एक राशि में पूरे 1 माह तक चलते हैं और 14 या 15 जनवरी को यह मकर राशि में आते हैं । सूर्य15 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे । सूर्य की एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने की जो प्रक्रिया है वह संक्रांति कहलाती है और यह मकर राशि में आ रहे हैं इसलिए यह मकर संक्रांति के नाम से प्रसिद्ध है।

सवाल – मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है?

जवाब – सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो एक बहुत बड़ा परिवर्तन होता है। सूर्य जो अभी तक दक्षिण की तरफ चल रहे थे अब मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरी ध्रुव की ओर चलना शुरू करेंगे जिसे उत्तरायण कहते हैं। उत्तरायण मकर संक्रांति दिवस से प्रारंभ होता है। उत्तरायण शुभ समय का उदय होना है। मकर संक्रांति का महत्व इसलिए है क्योंकि सूर्य इस दिन से उत्तरायण होते हैं। इस दिन नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार होता है।

सवाल -मकर संक्रांति में तिल के लड्डुओं का क्यों महत्व है।

जवाब -मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में आते हैं और मकर राशि के स्वामी होते हैं शनि, शनि भगवान सूर्य के पुत्र हैं लेकिन पुत्र और पिता में बनती नहीं है। मकर संक्रांति में पिता अपने पुत्र के घर में आते हैं । पौराणिक कथाओं के हिसाब से यह कहा जाता है कि सूर्य भगवान ने अपने कोप से शनि के घर को जला दिया था ऐसे में जब भगवान सूर्य अपने पुत्र भगवान शनि के घर में आते हैं तो उनके पास कुछ भी नहीं होता ऐसे में उनके पास केवल तिल होते हैं, और तिल से वह अपने पिता सूर्य भगवान का अर्चन करते हैं। इस पूजा-अर्चन से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं और भगवान शनि को आशीर्वाद देते हैं। सब जानते भी हैं कि भगवान शनि को इसलिए तिल चढ़ाए जाते है। जबकि गुड़ भगवान सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए ही मकर संक्रांति में तिल और गुड़ के लड्डुओं का महत्व है
तिल और गुड़ दोनों मिलकर भगवान सूर्य और शनि का मिलन दर्शाते है।
इसलिए मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ का दान किया जाता है इससे भगवान सूर्य देव और भगवान शनि देव प्रसन्न होते हैं।

सवाल -तिल कितने प्रकार की होती है और क्या महत्व है।
जवाब -काली तिल विशेष रूप से भगवान शनि का प्रतिनिधित्व करती है जब भगवान शनि का पूजन होता है जिसमें काले तिल अर्पित किए जाते हैं ,जबकि भगवान सूर्य देव को सफेद तिल का अर्पण होता है। इसी प्रकार से मकर संक्रांति में काले और सफेद तिल के लड्डू बनाए जाते हैं। मकर संक्रांति दिवसों पर काले कपड़े भी पहने जाते हैं चूंकि काला रंग ऊर्जा का शोषण करता है जिससे ठंड कम लगती है। मकर संक्रांति हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिवस से बसंत पंचमी का आगमन होता है और शनै: शनै: गर्मी का आगमन भी होता है जिससे हमारी ऊर्जाएं बढ़ती हैं।

सवाल – मकर संक्रांति में स्नान का क्या महत्व है।

जवाब -मकर संक्रांति में स्नान का विशेष महत्व है। सूर्य जब उत्तरायण होता है तो उसकी रश्मि सीधे आपके शरीर के संपर्क में आती हैं। जिससे आपको आरोग्यता मिलती है और इससे पापों का भी समन होता है। इसलिए मकर संक्रांति दिवस पर सभी पवित्र नदियों में स्नान आदि का महत्व है। इस दिन जल में तिल डालकर स्नान करना चाहिए।

सवाल -मकर संक्रांति का और क्या महत्व है।
जवाब – मकर संक्रांति दिवस से हमें नए जीवन की शुरुआत करनी चाहिए इसी दिन भीष्म पितामह ने अपने शरीर का त्याग किया था । मां गंगा ने भी मकर संक्रांति दिवस पर ही भागीरथ के पुरखों का कल्याण किया था। यह मोक्ष का दिवस है यह नई ऊर्जा का संचार करने वाला दिवस है।

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