JABALPUR NEWS- मप्र आयुर्विज्ञान विवि के रजिस्टार गजब, खुद निपटा रहे सीएम हेल्पलाइन शिकायतों को
विवि से संबद्ध मेडिकल काॅलेजों के छात्र अपनी मार्कशीट, डिग्री को लेकर सीएम हेल्पलाइन में कर रहे शिकायत

जबलपुर, यशभारत। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के रजिस्टार डाॅक्टर प्रभात बुधौलिया की एक कार्यप्रणाली चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल रजिस्टार इतने व्यस्त होने के बाबजूद सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों को खुद निपटा रहे हैं। संभवतः पहली बार ऐसा होगा कि कोई रजिस्टार सीएम हेल्पलाइन को इतनी गंभीरता से ले रहा है।
मालूम हो कि मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय प्रशासन विवि से संबद्ध मेडिकल काॅलेजों के छात्र अपनी मार्कशीट, डिग्री पाने सीएम हेल्प लाइन में शिकायत कर रहे हैं।
अधिकारियों के पसीने छूट रहे
अब सीएम हेल्प लाइन में की गई शिकायतों को निपटाने में विवि के अधिकारियों को पसीने छूट रहे हैं। बताते हैं कि पहले 100 से 200 शिकायतों तक तो विवि के प्रशासनिक अधिकारियों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया, लेकिन कलेक्टर की समीक्षा के दौरान जब इन शिकायतों का आंकडा तेजी से बढ़ने लगा तो भोपाल में बैठे अधिकारियों ने विवि के प्रशासनिक अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर आप लोग जब इतना काम कर रहे हैं तो छात्र सीएम हेल्प लाइन का सहारा क्यों ले रहे है? तब कहीं इन अफसरों की नींद टूटी और समाधान के लिए काम शुरू हुआ, लेकिन तब तक सीएम हेल्प लाइन में शिकायतों का आंकडा 700 के पार पहुंच गया।
गलती का ठीकरा दूसरों पर
सीएम हेल्प लाइन में सबसे ज्यादा शिकायत मार्कशीट, डिग्री नहीं मिल पाने की पहुंच रही है। ऐसे में इस काम की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारी अपनी गलती का ठीकरा दूसरे पर फोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में कर्मचारियों का कहना है कि वे इस अधिकारी की सुने कि उनसे ऊपर बैठे हुए दूसरे की।
100 से 200 शिकायतों का निपटारा
रजिस्ट्रार सीएम हेल्प लाइन के प्रकरणों का निपटारा करने में इन दिनों व्यस्त है बावजूद इसके रोजाना 100 से 200 ही शिकायत निपट पा रही है। ऐसे में अधिकारियों के सामने यह भी चुनौती है कि दीक्षांत के पहले सीएम हेल्प लाइन के प्रकरणों को पूरी तरह से खत्म कैसे किया जाए।
इनका कहना है
छात्रों को समस्याओं का सामना न करने पड़े इसलिए मैं खुद सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों का निपटारा कर रहा हूं।
डाॅक्टर प्रभात बुधौलिया, कुलसचिव एमयू