JABALPUR NEWS- मेडिकल में आयुष्मान के इंसेंटिव पर बवाल: मनमाने तरीके से राशि का बंटवारा

जबलपुर, यशभारत। गरीबों को चिकित्सीय इलाज में परेशानी न आये इसके लिए केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना लागू है। योजना के तहत काम करने वाले डॉक्टर-स्टाफ नर्स, टेक्नीशियन, आयुष्मान मित्र, सुपरवाइजर सहित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए सरकार ने इंसेटिव दिया जा रहा है। इंसेंटिव को लेकर नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल अस्पताल में बवाल मच गया है। दरअसल अधिकारियों ने योजना के नाम पर बंटरबांट कर दिया। पूरे मामले में आयुष्मान मित्र और सुपरवाइजरों को कम राशि का वितरण किया गया जबकि डॉक्टर से लेकर अधिकारियों शासन के नियम विरूद्व राशि हजम कर ली। केंद्र की महत्वकांक्षी योजना में हुए गोलमाल का खुलासा उस वक्त हुआ जब आयुष्मान विभागीय लिपिक सुपरवाइजरों ने इसका विरोध किया। कई बार मेडिकल अधिकारियों गड़बड़ी की शिकायत की पर नतीजा शून्य रहा। इसके बाद लिपिकों ने भारत सरकार से लेकर आयुष्मान से जुड़े सभी अधिकारियों को वकील के माध्यम से नोटिस भेजकर परेशानी में डाल दिया।
4 प्रतिशत राशि क्यों नहीं मिली किसी के पास जवाब नहीं
लिपिकों ने विरोध करते हुए आयुष्मान योजना में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया। लिपिकों का कहना था कि जब 2 प्रतिशत राशि आयुष्मान मित्र और 2 प्रतिशत विभागीय लिपिक सुपरवाइजरों को दी जानी है तो फिर मेडिकल प्रबंधन द्वारा राशि नहीं दी गई। क्यों डॉक्टर और अधिकारियों ने नियम विरूद्व तरीके से खुद खातों में राशि डाल ली।
पूर्व डीन पर गड़बड़ी का आरोप
लिपिक संघ के संजय गुजराल ने आरोप लगाते हुए कहा पूर्व डीन ने लिपिकों की आयुष्मान राशि में बंटरबांट किया है। शासन के नियमों विपरीत जाकर लिपिकों को राशि दी गई जबकि डॉक्टर और अन्य स्टाफ को मनमाने तरीके से आयुष्मान योजना की राशि का वितरण किया गया।
तत्कालीन डीन ने इसी अनुमोदन कर नया नियम लागू कर दिया । बिना काम मिले गये लाखों असमानता के शिकार हुये क अब समझौते के मूड में है। उनका कहना है प्रोत्सहान राशि वितरण नियम के अनुसार ही चाहिये । जिसने काम किया है पैसा मिले और नियम के अनुसार ही मिले पर अपने लाभ के नियम बदले गये हैं ।
जिन्होंने काम नहीं किया उन्हें मिली राशि
मेडीकल के कर्मचारियों का कहना है कि जो पैसा आयुष्मान योजना में प्रोत्साहन के लिये दिया जा रहा है उसमें बड़ी असमानता है । किसी को वेतन से ज्यादा प्रोत्साहन राशि दी गई है तो नॉन टेकीकरल और नॉन मेडीकल वालों की भी राशि दी गई है । जबकि उन्होंने काम किया ही नहीं है । वित्तीय अनियमिततायें की गई है एक बड़ी रकम अधिकारियों = आहरित कर ली है । इसकी जाँच की जाये और यह सब गोलमाल तत्काल रोका जाये ।
इनका कहना है
आयुष्मान योजना से सभी लोगों को वकील के माध्यम से नोटिस भेजा गया है। नियम विरूद्व राशि वितरण की सही जानकारी प्राप्त नहीं होने पर कर्मचारी कोर्ट जाएंगे। आयुष्मान इंसेंटिव वितरण मेंबड़ी गड़बड़ी की गई है।
संजय गुजराल , अध्यक्ष स्वास्थ्य कमज़्चारी संघ जबलपुर