
जबलपुर,यशभारत। संजीवनी नगर थानांतर्गत धन्वंतरि नगर क्षेत्र स्थित परसवाड़ा निवासी रेवा राम अहिरवार ने सुबह आठ बजे वन विभाग रैस्क्यू स्क्वाड में फोन पर सूचना दी कि एक सफेद रंग का उल्लू घायल अवस्था में सड़क पर तड़प रहा है। रैस्क्यू स्क्वाड प्रभारी गुलाब सिंह परिहार ने सर्प एवं वन्य प्राणी विशेषज्ञ गजेन्द्र दुबे को सूचना दी जिन्होंने मौके पर पहुंचकर पाया कि सफेद उल्लू के दोनों पंखों से लगातार खून बह रहा था, एवं उसके पंजे तांत की रस्सी बंधी थी। उसकी गर्दन के दाहिने तरफ से ही रक्तस्राव हो रहा था। संभवतः किसी विक्रत मानसिकता एवं अंधविश्वास से ग्रसित व्यक्ति ने इसे तांत्रिक गतिविधियों के चलते घायल किया है, और चुपचाप से सड़क पर फेंक कर चला गया। रही सही कसर आवारा श्वानों ने उसे नोंच कर पूरी कर दी।
गजेन्द्र दुबे ने बताया कि उक्त घायल सफेद उल्लू हवेली उल्लू है। इसका वैज्ञानिक नाम बार्न आउल है। ये खेत खलिहानों, सूखे व्रक्षों की खोह में तथा पहाड़ों की कंदराओं में घोंसले बनाकर रहते हैं। ज्यादा तर रात्रि में शिकार करता है।200 से 250 तथा चूहे, सर्प, खरगोश आदि इसका प्रिय भोजन है।इस तरह से ये खेतों में चूहे से फसलों की रक्षा करते हैं। अंधविश्वास के चलते कुछ लोग इन्हें पकड़कर इनके साथ निर्दयता पूर्वक मार देते हैं अथवा घायल अवस्था में गली सड़क पर फेंक देते हैं। इसकी वजह से उल्लुओं की प्रजाति विलुप्त प्राय होते जा रहे हैं। इसीलिए वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत इन्हें विशेष सुरक्षा प्राप्त है।इनका अनाधिकृत रूप से पकड़ना या पालना दंडनीय अपराध है। फिलहाल घायल सफेद उल्लू को वन विभाग रैस्क्यू स्क्वाड प्रभारी गुलाब सिंह परिहार को उपचार हेतु सोंप दिया।







