हाईकोर्ट का आदेश: विक्रेता की 30 दिन में शिकायत का निराकरण कलेक्टर करें
जबलपुर, यशभारत। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने राशन दुकान विक्रेता बरेला द्वारा प्रस्तुत याचिका की सुनवाई करते हुये विक्रेता को राहत प्रदान की है माननीय उच्च न्यायालय ने कलेक्टर जबलपुर को निर्देश दिये है कि वे विक्रेता के लंबित अभ्यावेदन का 15 से 30 दिन में निराकरण करें एवं उचित कार्यवाही करें ।
यह मामला प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति बरेला के अंतर्गत संचालित राशन दुकान बरेला के पूर्व विक्रेता राजकिशोर अवस्थी की ओर से दायर किया गया था, जिसमें बताया गया कि उसके द्वारा केवल मार्च 2021 तक राशन दुकान बरेला का संचालन किया गया है जिसके प्रमाण मौजूद है एवं उसके बाद से किसी अन्य विक्रेता द्वारा दुकान का संचालन किया जा रहा है एवं उसकी कोई जबाबदारी वर्तमान में नहीं है तथा कोरोना सत्र के दौरान पी.ओ.एस. मशीनों के उपयोग छूट दी गई थी और कोरोना काल में किसी मी विक्रेता ने पी.ओ.एस. मशीनों का उपयोग नहीं किया था जिसका स्टॉक मशीनों में वर्तमान में दर्ज है जो सही नहीं हुआ है. याचिकाकर्ता के द्वारा कलेक्टर जबलपुर द्वारा जारी आदेश के तहत स्टॉक के सुधार के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है जो लंबित है और उस पर अभी तक कोई आदेश पारित नहीं किया गया है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुघोष ममोरे, निशात मिश्रा ने पक्ष रखा, उन्होंने कोर्ट को बताया कि कोरोना काल के दौरान पी.ओ.एस. मशीनों के उपयोग में छूट दी गई थी और कोरोना काल में किसी भी विक्रेता ने पी.ओ.एस. मशीनों का उपयोग नहीं किया था जिसका स्टॉक मशीनों में वर्तमान में दर्ज है जो सही नहीं हुआ है एवं पी.ओ.एस. मशीनों के स्टॉक में सुधार न होने से विक्रेता के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है जबकि विक्रेता द्वारा कोरोना काल में किये गये खाद्यान्न वितरण के संबंध में समस्त प्रमाण एवं साक्ष्य मौजूद है तथा याचिकाकर्ता द्वारा केवल मार्च 2021 तक राशन दुकान बरेला का संचालन किया गया है उसके बाद से किसी अन्य विक्रेता द्वारा दुकान का संचालन किया जा रहा है एवं वर्तमान में उसकी कोई जबाबदारी नहीं है ।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने निर्णय पारित करते हुए कलेक्टर जबलपुर को निर्देश दिये है कि ये विक्रेता के लंबित अभ्यावेदन का 15 से 30 दिन में निराकरण करें एवं उचित आदेश पारित करें। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुघोष भमोरे, निशांत मिश्रा ने पक्ष रखा ।