
जबलपुर यश भारत।मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ में स्कूल संचालकों को बड़ी राहत दी है।उच्च न्यायालय में एक रिट अपील दायर की गई थी जिसमें मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के जस्टिस संजीव सचदेवा व विनय सराफ की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि आगामी आदेश तक स्कूल संचालकों पर कोई भी कानून कार्यवाही ना की जाए।अपीलकर्ताओं ने दिनांक 24.10.2024 के आदेश का विरोध किया जिसके तहत अपीलकर्ताओं द्वारा दायर रिट याचिकाओं को यह मानते हुए निपटा दिया गया कि रिट याचिकाएं समय से पहले थीं।अपीलकर्ता के अधिवक्ता का कहना है कि उत्तरदाताओं का दावा है कि उन्हें विभिन्न अभिभावकों से अत्यधिक शुल्क वसूलने और स्कूलों के कामकाज के संबंध में अन्य कथित उल्लंघनों की शिकायतें मिली हैं। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग एक ऐसा तरीका अपनाता है जिसके तहत जांच करने के बाद तुरंत एफआईआर दर्ज की जाती है और स्कूल के प्रिंसिपलों और प्रबंधन सहित स्कूल के अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाता है। उनका कहना है कि पहले भी इसी तरह की परिस्थितियों में कई अन्य स्कूलों के प्रबंधन और प्रधानाचार्यों को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था और सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि जांच जारी रखने की अनुमति दी थी, लेकिन स्कूलों के प्रधानाचार्यों और प्रबंधन को इसमें सहयोग करने का निर्देश दिया था। जांच की गई और उन्हें अग्रिम जमानत और गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों को जमानत दे दी गई। उनका कहना है कि हालांकि याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं और सख्त तरीके से प्रशासन को यह आदेश दिया है कि इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज ही नहीं की जा सकती है।यदि पुनः इस प्रकार से कार्यवाही ज़िला प्रशासन द्वारा दोहराई जाती है तो प्रशासन के अधिकारियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पैरवी की।।