जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

गांठ  ऑपरेशन कराया पर बाद में पता चला कि स्तन कैंसर है

मेडिकल में रोजाना पहंुच रहे ऐसे मरीज

जबलपुर, यशभारत। बेस्ट में गांठ होने पर पूरी जांच कराए बगैर ऑपरेशन करना मरीज का जीवन जोखिम में डाल रहा है। लड़की या महिला में बनने वाली गांठ को सामान्य समझकर सर्जन से ऑपरेशन करा देना खतरनाक हो रहा है। कई बार मरीज को पता ही नहीं होता और कैंसर अगले चरण में पहुंच जा रहा है। मेडिकल के विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे कई मरीज पहुंच रहे हैं, जिन्होंने ऑपरेशन करा लिया। दोबारा गांठ समझ में आने पर जांच कराई तो पता लगा कि वे स्तन कैंसर से पीड़ित हैं। कैंसर दूसरे या तीसरे स्टेज में पहुंच जाने पर मरीज को बचाना मुश्किल हो रहा है। हर सप्ताह मेडिकल अस्पताल में औसतन 25 से 30 प्रतिशत मरीज बेस्ट कैंसर के होते हैं।

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स्वयं विकसित किया यंत्र
ब्रेस्ट कैंसर की पहचान करने के लिए मैमोग्राफी एक्स-रे, कोर नीडल बायोप्सी करनी होती है। मेडिकल के थायराइड एवं एंडोक्राइन कैसर विशेषज्ञ डॉ. संजय यादव ने बायोप्सी यंत्र विकसित किया है। इसकी कीमत महज 100 रुपए है। इसके लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है। निडिल बायोप्सी की जांच महंगी होती है. इसे लेकर लोगों में गलतफहमी भी है, जबकि इससे कोई नुकसान नहीं होता।
मेडिकल में निःशुल्क इलाज
मेडिकल में उच्च स्तरीय सर्जरी जैसे ऑनकोप्लास्टिक ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी, सेंटिनल लिंफ नोड बायोप्सी, परफोरेटर फ्लैप, स्तन रिकंस्ट्रक्शन की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है। अब तक यहां 200 से ज्यादा मरीजों का निःशुल्क इलाज हैं। किया जा चुका है।

देर से आते हैं मरीज
मेडिकल के विशेषज्ञों के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर का प्रारम्भिक अवस्था में पता चलने पर उसके ठीक होने की सम्भावना 8 प्रतिशत होती है। लेकिन, जबलपुर समेत समूचे महाकोशल क्षेत्र से बहुत कम मरीज सही समय पर आते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार एक बार कैंसर की पुष्टि हो जाने पर ऑपरेशन, कीमोथेरेपी और रेडिएशन की आवश्यकता होती है। ऑपरेशन को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कई मरीजों में ब्रेस्ट को बचाकर केवल कैंसर को निकाला जाता है। ऐसे मरीजों के ठीक होने की सम्भावना ज्यादा होती है।
ये है स्थिति
08-10 मरीज औसतन आते हैं रोज
12-15 मरीज आते हैं शनिवार की ओपीडी में
3-4 मरीजों को होता है स्तन कैंसर ओपीडी आने वाले मरीजों में
8 प्रतिशत सम्भावना स्तन कैंसर के ठीक होने की शुरुआत में पता चलने पर
99 प्रतिशत मामलों में निडिल बायोप्सी से पता चलता है स्तन कैंसर का
इनका कहना है
महिलाओं में बेस्ट कैंसर के ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें वे गांठ को सामान्य समझकर सर्जन से ऑपरेशन करा लेती
स्वास्थ्य बिगडने पर कैंसर का पता चलता है।
डॉ. संजय यादव, थायराइड एवं एंडोक्राइन कैंसर विशेषज्ञ, मेडिकल अस्पताल

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