धान उपार्जन से FPO की छुट्टी:- मूंग खरीदी में सामने आई थी गंभीर अनियमितताएं
यश भारत के खुलासों के बाद जागा प्रशासन
जबलपुर यश भारत। पिछले दिनों मूंग उपार्जन को लेकर जिस तरह की गंभीर अनियमितताएं सामने आई थी वह किसी से छुपी नहीं है। यश भारत द्वारा विभिन्न फार्मा प्रोड्यूसर कंपनियों द्वारा खरीदी के दौरान किए जा रहे गोलमालों को सामने रखा था। इसके बाद फार्म प्रोड्यूसर कंपनी के कर्मचारी के विरुद्ध कई मामले भी दर्ज हुए । साथ ही साथ कई फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियां ब्लैक लिस्टेड भी कर दी गई। वहीं शासन को हो रही करोड़ की छाती का मामला भी सामने आया। इसके बाद इस बार प्रशासन ने नीति बदलते हुए उपार्जन के काम से फार्मार प्रोड्यूसर कंपनियों को पूरी तरह से बाहर कर दिया है। इस बार जो धान उपार्जन का काम हो रहा है उसमें सहकारी समितियो और स्व सहायता समूहों को काम देने की नीति तैयार की गई है।
हुए थे बड़े खुलासे
फार्म प्रोड्यूसर कंपनियों द्वारा की जा रही हेरा फेरी को लेकर यश भारत द्वारा अगस्त महीने में बड़े खुलासे किए गए थे। जिसमें दूसरे जिलों में तैयार की गई कंपनियों को जबलपुर में काम देने सहित सिक्योरिटी डिपॉजिट के गोलमाल और एक ही परिवार के पास आधा दर्जन से अधिक कंपनियों के संचालन के मामले शामिल थे। इसके अलावा कुछ सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत को लेकर भी समाचार प्रकाशित किए गए थे। जिसके बाद प्रशासन द्वारा जबलपुर से लेकर भोपाल तक जांच कराई गई और जांच में गंभीर अनियमितताएं पाई गई। जिसके बाद यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
बड़े नाम थे शामिल
फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के संचालन को लेकर कागजों पर तो कुछ और नाम थे लेकिन वास्तव में इसके संचालन में बड़े लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका थी । जिसमें बड़े राजनैतिक रशूख रखने वाले लोगों के साथ-साथ बड़े प्रशासनिक अधिकारियों की भी मिली भगत थी। एफपीओ के माध्यम से हो रही खरीदी को संचालित करने के लिए व्यापारियों अधिकारियों और नेताओं ने मिलकर एक सिंडिकेट तैयार कर लिया था। जो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों के नाम पर जमकर लूट मचा रहे थे। जिसकी बानगी मूंग उपार्जन में देखने को मिली थी। लेकिन यह काम पिछले दो सालों से जिले में जमकर चल रहा था यश भारत के खुलासे के बाद अब इस खेल पर रोक लग गई है।