डकैती की झूठी पटकथा ने उड़ाई थाने की नींद – बरेला टीआई लाइन अटैच, थानों में हड़कंप
मनगढ़ंत डकैती ने बदलवा दी थाने की कुर्सी

जबलपुर, यशभारत। बरेला थाना क्षेत्र में दर्ज डकैती का मामला जैसे ही जांच के घेरे में आया, उसकी हकीकत सामने आने पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। घटना की विवेचना के दौरान यह पूरा प्रकरण झूठा निकला। एफआईआर दर्ज करने में गंभीर अनियमितताएँ और लापरवाही पाए जाने के बाद पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने सख्त कदम उठाते हुए बरेला थाना प्रभारी विजय कुमार विश्वकर्मा को तत्काल प्रभाव से हटा दिया और उन्हें पुलिस लाइन अटैच कर दिया।
झूठी डकैती की कहानी
27 अगस्त की रात गोरखपुर निवासी कुनाल बर्मन ने बरेला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि वह अपने मामा राजकुमार बर्मन की मोटरसाइकिल (एमपी-20 एनपी 9217) से घर लौट रहा था। रास्ते में दो मोटरसाइकिल और एक स्कूटी पर सवार छह अज्ञात युवकों ने उसे रोक लिया। आरोप था कि बदमाशों ने डराकर उसकी बाइक, जेब में रखा मोबाइल और 1500 रुपये नगदी छीन लिए। सभी के चेहरे कपड़े से ढंके थे।इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने डकैती सहित गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया।
विवेचना में खुला सच
जैसे ही पुलिस ने इस वारदात की तफ्तीश शुरू की, कहानी के कई पहलू संदिग्ध नज़र आने लगे।घटनास्थल पर किसी भी तरह के साक्ष्य नहीं मिले।न तो कोई प्रत्यक्षदर्शी सामने आया और न ही सीसीटीवी फुटेज से घटना की पुष्टि हो सकी।शिकायतकर्ता द्वारा बताए गए घटनाक्रम में भी कई विरोधाभास पाए गए।अंततः पुलिस ने निष्कर्ष निकाला कि यह डकैती मनगढ़ंत थी और जल्दबाजी में एफआईआर दर्ज कर ली गई थी।अब पुलिस इस मामले में खात्मा रिपोर्ट तैयार कर एसपी कार्यालय को भेजने की प्रक्रिया में है।
एसपी की कार्रवाई – तीन थाना प्रभारियों का फेरबदल
इस पूरे घटनाक्रम के बाद पुलिस अधीक्षक ने कड़ा कदम उठाते हुए कई थाना प्रभारियों के तबादले किए।
बरेला थाना प्रभारी विजय कुमार विश्वकर्मा – लाइन अटैच
मझौली थाना प्रभारी जयप्रकाश द्विवेदी – लाइन अटैच
निरीक्षक अनिल पटेल – नए बरेला थाना प्रभारी नियुक्त
राजेंद्र मर्सकोले – गोसलपुर से मझौली प्रभारी बनाए गए
निरीक्षक मज्जू शर्मा – पुलिस लाइन से गोसलपुर प्रभारी नियुक्त
यह फेरबदल पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है।
पुलिस का आधिकारिक बयान
उप पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आकांक्षा उपाध्याय ने स्पष्ट किया –
“डकैती की रिपोर्ट दर्ज हुई थी, लेकिन विवेचना के दौरान डकैती होने जैसे कोई तथ्य सामने नहीं आए। खात्मा रिपोर्ट एसपी कार्यालय में प्रस्तुत की जाएगी। बरेला थाना प्रभारी को लाइन अटैच किए जाने का कारण वरिष्ठ स्तर पर तय हुआ है।”
विवादों में रहा बरेला थाना
जानकारों का कहना है कि बरेला थाना पहले भी कई विवादों में घिरा रहा है। गंभीर अपराधों में जल्दबाजी, विवेचना में लापरवाही और एफआईआर दर्ज करने में पारदर्शिता की कमी को लेकर सवाल उठते रहे हैं। हालिया डकैती प्रकरण ने इन आरोपों को और पुख्ता कर दिया है।







