मेडिकल के बाहर जमे अतिक्रमणकारियों को मिलेगी खुद की दुकान
जबलपुर, यशभारत। पूरे शहर के लिए अतिक्रमण नासूर बन गए है इसकी वजह से शहर अव्यवस्थित नजर आ रहा है। परंतु जानकर हैरानी होगी कि महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने शहर के अतिक्रमण हटाने के लिए अनूठी पहल शुरू की है और जिसकी शुरूआत नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के बाहर जमे अतिक्रमणों से हो रही है। जानने वाली बात ये है कि मेडिकल परिसर के बाहर जमे अतिक्रमणों को हटाने के बाद वहां पर ग्राउंड प्लस 2 भवन तैयार होंगे जिसमें अतिक्रमणकारियों की दुकानों को शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए महापौर ने उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल को एक प्रस्ताव दिया है जिसमें किस तरह से भवन तैयार होंगे और मेडिकल प्रबंधन को क्या फायदा होगा इसका पूरा उल्लेख है।
मालूम हो कि मेडिकल अस्पताल के बाहर चाय-पान और अन्य दुकानों की ठेले जमे हुए हैं जिसकी वजह से मेडिकल अस्पताल आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना लोगों को करना पड़ता है। नगर निगम द्वारा अनेक बार मेडिकल अस्पताल के अतिक्रमणों को अलग किया परंतु कुछ दिन बाद फिर से अतिक्रमण हो जाता है। इस समस्या को दूर करने के महापौर ने स्थायी व्यवस्था खोजी है जिसके तहत प्रथम, दितीय तल और ग्राउंड फ्लोर के भवन तैयार होंगे जिसमें अतिक्रमणकारियों को दुकानें आवंटित की जाएगी।
ग्राउंड फ्लोर पर अतिक्रमणकारियों को मिलेगी दुकानें
बताया जा रहा है कि महापौर ने मेडिकल अस्पताल के बाहर जमे अतिक्रमण को हटाने को जो प्लान तैयार किया है उसमें ग्राउंड प्लस 2 भवन के ग्राउंड फ्लोर पर अतिक्रमणकारियों को दुकानें आवंटित की जाएगी। दितीय तल पर नगर निगम जो दुकानें बनाएगा उसे विक्रय करेगा जबकि प्रथम तल की दुकानें मेडिकल प्रबंधन को सौंप दी जाएगी।
स्वीकृति के लिए उपमुख्यमंत्री को दिया प्रस्ताव
महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने बताया कि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल को प्रस्ताव सौंपा गया है जिसमें ग्राउंड प्लस 2 दुकानें बनाने की स्वीकृति मांगी गई है। जबलपुर आगमन हुआ उस वक्त भी एक पत्र सौंपा गया था फिर भोपाल जाकर भी प्रस्ताव सौंपा जिसमें बताया गया है कि नगर निगम ने मेडिकल कॉलेज की रिक्त भूमि पर पीपीपी मोड पर मार्केट बनाया जाना है। प्रस्ताव के साथ महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने उपमुख्यमंत्री को मौखिक रूप से भी बताया कि मेडिकल कॉलेज की जमीन से अतिक्रमणकारियों को भी विस्थापित किया जाएगा। इसके अलावा उपमुख्यमंत्री से मांग रखी गई है कि बीपीएल कार्ड धारकों के लिए निःशुल्क सीटी स्कैन और एमआरआई की व्यवस्था की जाए। मेडिकल कॉलेज में नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता, किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट के लिए संसाधन उपलब्ध कराने की माँग की गई है। पत्र में कहा गया है कि नगर निगम के सभी 79 वाडों में संजीवनी क्लीनिक खुलनी चाहिए। वर्तमान में 53 संजीवनी क्लीनिकों की स्वीकृति राज्य शासन ने दी है, जल्द ही 26 और संजीवनी क्लीनिकों की स्वीकृति प्रदान की जाए।