बरेला नगर परिषद में कर्मचारियों ने काम किया नहीं फिर भी लग गई हाजिरी, छुट्टियों के दिन भी रजिस्टर मेंं हुए हस्ताक्षर
आरटीई के तहत बड़ा खुलासा, अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों की भूमिका संदिग्ध

जबलपुर, यशभारत। बरेला नगर परिषद कर्मचारियों की तैनाती और कामों को लेकर बड़ा खेल चल रहा है। ड्यूटी पर नहीं आने के बाद भी हाजिरी रजिस्टर पर उपस्थिति दर्ज हो रही है। इनकी संख्या एक या दो नहीं, बल्कि दर्जनों पर है । इन कामगारों पर नगर परिषद अधिकारी और माननीयों की मेहरबानी है। इससे नगर परिषद को बगैर काम किए हुए कर्मचारियों को हर महीने लाखों रूपए देना पड़ रहा है। इसका खुलासा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत निकली जानकारी में हुआ है।

मालूम हो कि आम नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं को पूरा कर समाज को विकास से जोडऩे नगर परिषदों का गठन किया गया। लेकिन अब भर्राशाही के चलते स्थिति इसके उलट जा रही है। जिसकी एक बानगी बरेला नगर परिषद में उस वक्त सामने आई जब छुट्टियों के दिन भी रजिस्टर में बकायदा कर्मचारियों की हाजिरी लगी मिली। इस बात का खुलासा तब हुआ जब यूथ कांग्रेस नेता ने आरटीआई लगाकर इस बाबत जानकारी मांगी। जिसके बाद लगता है कि दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी की पूरी दाल ही काली है। अनुराग पटैल, यूथ कांग्रेस नेता बरेला ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि बरेला नगर परिषद में अंधेरगर्दी का आलम है। यहां कर्मचारी कब आते है और कब जाते है, किसी को पता नहीं नहीं चलता। स्थिति यह है कि इसकी शिकायत भी करें तो किससे? क्योंकि सभी ढाक के तीन पात है।

मोहर्रम, रक्षा बंधन और जनमाष्टमी के दिन भी लगी हाजिरी
श्री पटैल ने बताया कि भर्राशाही की परदें उधेडऩे के लिए जब उन्होंने कार्यदिवसों और कार्य का अपने स्तर पर ब्यौरा लिया तो पता चला कि शासन ने सप्ताह में पांच दिन कार्यदिवस के आदेश दिए है। इसके बीच में भी अनेक त्योहारों के चलते छुट्टियां होती है। लेकिन यहां मोहर्रम, रक्षाबंधन और जनमाष्टमी के दिन भी हाजिरी रजिस्टर में हस्ताक्षर किए गए। आरटीआई में यह बात उजागर भी हुई। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जिसके विरोध में अब अनशन करने की बात भी सामने आ रही है। वहीं हकीकत को जानने यशभारत ने मुख्य परिषद अधिकारी से भी दूरभाष पर संपर्क किया। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।