चुनावी चकल्लस: फिर से क्या कह गए बड़े भाई साहब
बड़े भाई साहब शहर आए थे सभा की सड़कों पर घूमे और फिर जाते-जाते अनौपचारिक चर्चा में कुछ औपचारिक हिदायत भी दे गए। पहले भी आए थे तो एक बवाल को शांत कर गए थे तो दूसरा बवाल खड़ा हो गया था लेकिन वह बवाल ज्यादा देर चला नहीं। कल फिर भाई साहब कुछ कह कर गए हैं। इसके बाद कुछ को घर से निकाल कर सड़कों पर आना तय है तो कुछ का घर बैठना भी निश्चित माना जा रहा है।
कहां गई 40 पेटी शराब
जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर ग्रामीण देर रात 40 पेटी शराब मिलने की जानकारी मिलते ही पूरी रात शहर में घूमती रही। लेकिन कोई बताने तैयार नहीं है कि किसने किसकी और कहां शराब पकड़ी है । लेकिन शराब पकडऩे को लेकर सत्ता के गलियारों और प्रशासनिक अमले के बीच जमकर हलचल मची हुई थी। हालांकि दबाव की नीति में मामला कहीं दब गया।
प्रत्याशी की पर्सनल पुलिस
जिले की एक विधानसभा सीट ऐसी है जहां प्रत्याशी ने अपने कार्यकर्ताओं को प्रचार छोड़कर पुलिस के काम में लगा दिया है। जो जगह-जगह गाडिय़ां रोक कर उनकी तलाशी कर रहे हैं तो कहीं प्रचार वाहनों को खड़ा करवा रहे हैं। हालांकि इस मामले की शिकायत पुलिस तक भी पहुंची है जिसमें गिरफ्तारियां भी हुई है। नेताजी अपना प्रचार करने से ज्यादा दूसरे का प्रचार रोकने में ताकत झोंक रहे हैं।