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संघ के कार्यक्षेत्र में हुआ प्रभावी विस्तार

संघ के कार्यक्षेत्र में हुआ प्रभावी विस्तार

जबलपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का तीन दिवसीय बैठक बेंगलुरु में 21 मार्च से 23 मार्च 2025 तक संपन्न हुई। इस बैठक में अखिल भारतीय, क्षेत्र, प्रांत कार्यकारी मण्डल, अखिल भारतीय प्रतिनिधि, विभाग प्रचारक एवं विविध संगठनों के अखिल भारतीय अधिकारी अपेक्षित रहते हैं। प्रांत संघचालक डॉ. प्रदीप दुबे ने पत्रकार वार्ता में बताया कि वर्ष 2023-24 की तुलना में 2024-25 में संघ के कार्यक्षेत्र का प्रभावी विस्तार हुआ है। इस वर्ष कुल स्थानों की संख्या 51,710 तक पहुंच गई, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 45,600 थी। वहीं, शाखाओं की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो 73,117 से बढ़कर 83,124 हो गई। साप्ताहिक मिलनों की संख्या 27,717 से बढ़कर 32,147 हो गई, और संघ मंडलियां भी 10,567 से बढ़कर 12,091 तक पहुंच गई। महाकौशल प्रांत में भी संघ के कार्यों में वृद्धि हुई। वर्ष 2023-24 में कुल स्थानों की संख्या 1,452 थी, जो इस वर्ष बढ़कर 1,739 हो गई, अर्थात् 287 नए स्थानों की वृद्धि हुई। शाखाएं 2,115 से बढ़कर 2,545 हो गई – यानी 430 नई शाखाएँ जुड़ीं। जबकि साप्ताहिक मिलन 1,002 से बढ़कर 1,027 तक पहुंच गया। संघ मंडली 344 से घटकर 163 रह गई।महाकौशल प्रांत के छतरपुर विभाग में सामाजिक समरसता सर्वेक्षण किया गया। ग्राम स्तर पर हुए सामाजिक समरसता सर्वेक्षण में 2106 ग्रामों का अध्ययन किया गया, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि 1936 ग्रामों में सभी जाति-समाज के बंधु मंदिर में समान रूप से प्रवेश करते हैं, 1913 ग्रामों में अंतिम संस्कार एक ही श्मशान स्थल पर होता है और 1954 ग्रामों में धर्मशालाओं का उपयोग सभी के लिए समान रूप से किया जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि 1440 ग्रामों में 11 सदस्यीय ग्राम समितियों का गठन किया गया है, जिनकी नियमित बैठकें होती हैं। इस निरंतर प्रयास के कारण सामाजिक समरसता का प्रतिशत बढ़ा है और सभी 2106 ग्रामों में समितियों के गठन का लक्ष्य रखा गया है।

संघ शताब्दी के दौरान होंगे विशिष्ट कार्यक्रम

पत्रकार वार्ता में बताया कि शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयादशमी 2025 के अवसर पर होगी, जिसमें गणवेश (संघ गणवेश) में स्वयंसेवकों के मंडल, खंड/नगर स्तर के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हर वर्ष की तरह इस अवसर पर सरसंघचालक स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे।
नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक तीन सप्ताह तक बड़े पैमाने पर घर-घर संपर्क अभियान की योजना बनाई गई है, जिसका विषय “हर गांव, हर बस्ती, घर-घर” होगा। संपर्क के दौरान संघ साहित्य वितरित किया जाएगा और स्थानीय इकाइयों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

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