भूकंप से थर्राया जबलपुर: पनागर की 69 वर्षीय वृद्धा ममता गौतम ने कहा…भईया… हिल गया था…पूरा घर… बाहर निकल भागे

जबलपुर, यशभारत। मंगलवार की सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए, कुछ देर के लिए समूचे जबलपुर में दहशत मच गई। लोग घरों से बाहर निकल आए तो वहीं स्कूली बच्चों को भी कमरों से बाहर किया गया। भूकंप के झटके सबसे पनागर-पाटन में महसूस किए गए हैं। पनागर की 69 वर्षीय वृद्धा ममता गौतम ने बताया कि भईया… पूरा शरीर हिल गया था… घर के दरवाजे में खुल गए थे…. घबराहट हुई थी घर के बाहर निकलकर आंगन में बैठ गए। मेडिकल अस्पताल मरीज को लेकर पहुंचे अमरदीप का कहना था कि फस्र्ट फ्लोर में भूकंप की कंपन सबसे ज्यादा महसूस की गई। एक पल के लिए लग पूरी बिल्डिंग हिल रही हो।

बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके सबसे ज्यादा पनागर-पाटन और रानी दुर्गावती समाधि स्थल के आस-पास महसूस किए गए। इसके अलावा रांझी में भी कुछ जगह पर हलचल हुई। पनागर में रहने वाले नितिन गौतम ने बताया कि वह सो रहे थे, तभी अचानक ऐसा महसूस हुआ, जैसे बेड हिला हो। मैं उठकर बाहर आया तो देखा बहुत से लोग घरों के बाहर निकल आए हैं। भूकंप करीब 8.44 बजे आया था। भूकंप का केंद्र बिंदु जबलपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर डिंडौरी जिले की ओर था।

जब भूकंप आया, स्कूल लग चुके थे
जिस वक्त भूकंप आया, उस दौरान स्कूल लग चुके थे। झटके महसूस होते ही स्कूल मैनेजमेंट ने तुरंत बच्चों को बाहर निकाला और खुले मैदान में ले गए। रांझी स्थित सेंट गेब्रियल स्कूल मैनेजमेंट ने तो तत्काल सभी बच्चों को क्लास से बाहर निकालकर ग्राउंड पर लेकर जाने के निर्देश दिए। टीचरों ने तत्काल सभी को मैदान पर पहुंचाया। मेडिकल एरिया की रहने वाली रुक्मणी देवी ने कहा- धरती हिली तो मैं घबरा गई। बहुत जोर से धरती थर-थर कांप रही थी। जबलपुर कलेक्टर डॉक्टर इलैयाराजा टी ने कहा कि जबलपुर में 4.5 तीव्रता का भूकंप जरूर आया था, लेकिन किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई है।
22 मई 1997 की वो खौफनाक तारीख
24 साल पहले आज ही के दिन मध्य प्रदेश की संस्कार धानी जबलपुर एक भयानक प्राकृतिक हादसे का शिकार हुआ था। 22 मई, 1997 को जबलपुर में आए भूकंप ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी थी। 41 लोगों की जानें गई थीं और लाखों की आबादी प्रभावित हुई थी। भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माने जाने वाले जबलपुर में उसके बाद भी दो-तीन झटके आ चुके हैं, लेकिन लोग आज भी 1997 की उस सुबह को याद कर सिहर उठते हैं।

सोशल मीडिया में लोग हुए सक्रिय
मंगलवार की सुबह धरती कांपने के बाद थोड़ी देर बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने भूकंप के झटके लगने की सूचना का आदान-प्रदान शुरू कर दिया। लोग यह समझने में लगे रहे कि यह सचमुच में भूकंप का झटका था या उन्हें कुछ भ्रांति हुई। उल्लेखनीय है कि जबलपुर भूकंप के संवेदनशील जोन के तहत आता है। यहां पर लगातार भूकंप के झटके लगते रहे हैं।