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रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में CCTV फुटेज विवाद: प्रशासन की मंशा पर उठे सवाल

 

जबलपुर –यशभारत – रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा न्यायलयीन प्रकरण में गंभीर अनियमितताएं सामने आ रहीं हैं। ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय की ही एक महिला अधिकारी द्वारा कुलगुरु पर अशोभनीय आचरण के आरोप लगाते हुए राज्य महिला आयोग, राज्यपाल महोदय एवं उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को शिकायत सौंपी थी। परंतु महिला अधिकारी की शिकायत करने के बाद भी कोई जांच सुनिश्चित नहीं की गई जिससे असंतुष्ट महिला अधिकारी ने माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश में याचिका दाखिल की थी।

पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने विश्वविद्यालय प्रशासन को कड़ी फटकार लगाते हुए यह कहा था कि दिनांक 07/02/2025 की सुनवाई में यह बात कही गई थी कि उक्त घटना दिनांक के सीसीटीवी फुटेज़ सुरक्षित कर लिए गए हैं। परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन ने न्यायालय द्वारा आदेशित जांच समिति को उक्त दिनांक के कुलगुरु कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज़ उपलब्ध नहीं कराए और उनसे कहा कि घटना दिनांक को कुलगुरु कार्यालय के सीसीटीवी काम नहीं कर रहे थे। न्यायलय में पूर्व में दिए गए बयान से मुकरने के बाद माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश ने पिछली सुनवाई में जिला कलेक्टर को आदेशित किया था कि वे फॉरेंसिक/टेक्निकल एक्सपर्ट से विस्तृत जांच करके न्यायालय को अवगत कराएं।

हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच समिति को बताया कि उस दिन कैमरे काम नहीं कर रहे थे। परंतु इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि विश्वविद्यालय में ही कार्यरत एक कर्मचारी द्वारा नोटिस के जवाब में कुलसचिव को बताया गया है कि उक्त घटना दिनांक को वह कुलगुरु कार्यालय में टेक्निकल एवं सीसीटीवी फुटेज़ से संबंधित कार्य देखता था। उक्त कर्मचारी ने बताया है कि जिस दिन घटना हुई उस दिन कुलगुरु कार्यालय के समस्त सीसीटीवी कार्य कर रहे थे एवं उसके द्वारा यह बात कुलगुरु को बताई गई थी। यह पत्र एक प्रकार से विश्वविद्यालय प्रशासन की कथनी और करनी के बीच की खाई को उजागर करता है। और साथ ही माननीय न्यायालय में प्रदान की गई जानकारी में विसंगति को दर्शाता है।

प्रशासन की ओर से भ्रामक जानकारी देने और जांच में सहयोग न करने की प्रवृत्ति को देखते हुए विशेषज्ञ इसे न्यायालय की अवमानना और साजिश की ओर इशारा मान रहे हैं। आने वाली सुनवाई में बड़ा फैसला आने की संभावना है।

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