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पटवारियों के लिए संविलियन नीति घोषित, शासन ने जारी की शर्तें, यहाँ पढ़ें विस्तार से

मध्य प्रदेश शासन ने पिछले दिनों स्थानांतरण नीति घोषित की जिसके बाद 1 मई से 31 मई तक के लिए तबादलों पर लगा प्रतिबंध खुल गया यानि इस एक महीने की अवधि में तबादले किये जा सकेंगे, तबादला नीति घोषित किये जाने के बाद से विभागीय स्तर पर नियम बनाये जा रहे हैं इसी क्रम में राजस्व विभाग ने भू अभिलेख एवं बदोबस्त विभाग यानि लैंड रिकॉर्ड में पटवारियों के तबादलों से संबंधित आदेश जारी किया है।

राजस्व विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि पटवारी का पद जिला स्तरीय संवर्ग का होने से इस संबंध में अलग से पटवारी संविलियन नीति 2025 निर्धारित की जाती है, विभाग ने इसमें शर्तें लागू की है जिसके तहत ये बताया गया है कि किस पटवारी का कैसे तबादला हो सकता है।

 किसे होगी तबादले की पात्रता

इस नीति के अंतर्गत 16 फरवरी 2024 को आये पटवारी परीक्षा 2022 के रिजल्ट के पूर्व के नियुक्त पटवारी ही अंतर्जिला संविलियन के लिये आवेदन करने हेतु पात्र होंगे। किन्तु 16 फरवरी 2024 के पश्चात नियुक्त पटवारी केवल निम्नलिखित परिस्थितियों में आवेदन करने हेतु पात्र होगे

 

  • यदि पटवारी की पत्नी/पति यदि शासकीय कर्मचारी है, उनकी एक ही जिले में पदस्थापना के मामले में, किन्तु चाहे गये जिले में पटवारी की श्रेणी का पद रिक्त होने की स्थिति में।
  • विवाहित महिला/विधवा/तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला पटवारी होने पर अथवा पटवारी को गंभीर बीमारियों यथा कैंसर, किडनी डायलिसिस, ओपन हार्ट सर्जरी से ग्रसित होने पर, किन्तु पटवारी का श्रेणी का पद रिक्त होने की स्थिति में।
  • आपसी आधार पर संविलियन के मामलों में प्राप्त आवेदन, किन्तु दोनो आवेदनकर्ता की श्रेणी/उप श्रेणी एक ही होने की स्थिति में।
  • जिन पटवारियों का संविलियन होता है, उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्ति संबंधी कार्यवाही नवीन जिले में की जाएगी । उक्त संबंध में समस्त विभागीय दायित्वों एवं शर्तों का पालन पूर्व जिले की भाँति नवीन संविलियन जिले में संबंधित पटवारी को करना होगा।
  • पटवारी के संविलियन के उपरांत पटवारी की व्यक्तिगत नस्ती एवं जांच, दण्ड एवं विशेष दायित्वों आदि के संबंध में समस्त जानकारी पुराने जिले द्वारा नवीन जिले को प्रेषित की जायेगी।
  • पटवारियों के संविलियन करने की संख्या का निर्धारण, सामान्य प्रशासन विभाग की स्थानांतरण नीति दिनांक 29 अप्रैल 2025 की कण्डिका 13 अनुसार किया जावेगा।
  • ऐसे पटवारी जिनके विरुद्ध लोकायुक्त/आपराधिक प्रकरण प्रचलित है, वह अपात्रता की श्रेणी में आयेगें।

आवेदन करने की ये रहेगी प्रक्रिया

  • आयुक्त भू-अभिलेख द्वारा आवेदन, online प्रक्रिया के ही माध्यम से प्राप्त किये जायेंगे ।
  • आवेदक को अपने ONLINE आवेदन में अपनी विशिष्ट श्रेणी यथा चयन का वर्ग (UR/OBC/EWS/SC/ST) एवं उपवर्ग (ओपन/महिला/भूतपूर्व सैनिक/दिव्यांग की स्थिति में श्रेणी (LD/ED/MD) का उल्लेख करते हुये दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य होगा ।
  • OFFLINE आवेदन अथवा कोई दस्तावेज इस संबंध में स्वीकार नही होंगे।

 कलेक्टर करेंगे आवेदन का सत्यापन 

  • जिले के पटवारियों के ONLINE आवेदन में दी गई जानकारी का सत्यापन संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा ONLINE किया जावेगा।
  • आवेदन पत्रों की संवीक्षा उपरांत संविलियन हेतु पात्र/अपात्र आवेदकों की सूची आयुक्त भू-अभिलेख म.प्र. द्वारा तैयार की जाकर विभाग को प्रेषित की जावेगी।
  • संविलियन आदेश राज्य शासन के अनुमोदन से आयुक्त भू-अभिलेख म.प्र. द्वारा जारी किये जावेंगे।

 इन शर्तों का करना होगा पालन 

  • जिस जिले में संविलियन चाहा गया है, उस जिले में संबंधित वर्ग के रिक्त पद उपलब्ध होने की स्थिति में ही संविलियन किया जायेगा।
  • आरक्षण के प्रावधानों एवं जिला आरक्षण रोस्टर के परिपालन में ही संविलियन किया जा सकेगा।

15 दिन में करना होगा कार्यभार ग्रहण

  • आदेश जारी होने के 15 दिवस के भीतर पटवारी को संविलियन किये गये जिले में उपस्थिति देनी होगी।
  • जिले के अंदर पदस्थापना जिला कलेक्टर द्वारा की जायेगी। परंतु किसी भी पटवारी को उसके गृह तहसील में पदस्थ नहीं किया जायेगा।
  • संविलियन आदेश में किसी भी प्रकार के संशोधन की अनुमति नहीं होगी।

 आवश्यक शर्ते

  • संविलियन पर एक बार जिला आंवटित हो जाने पर पुनः जिला परिवर्तन की पात्रता नहीं होगी।
  • प्रशासनिक कारणों से किए गए संविलियन में ही, पटवारी द्वारा नये जिले में पदभार ग्रहण करने पर उस जिले की संधारित सूची में पटवारी की वरिष्ठता की गणना उसकी संवर्ग में प्रथम नियुक्ति दिनांक से की जायेगी।
  • पटवारी को एक बार जिला आवंटित हो जाने पर उसे उस जिले में अनिवार्यतः उपस्थिति देनी होगी।
  • जिले में स्वीकृत पदों से अधिक एवं आरक्षण नियमों के विपरीत पदस्थापना नहीं की जायेगी।
  • इस नीति के तहत किसी भी पटवारी का संविलियन विभागीय छानबीन, आवश्यकता एवं रिक्तियों के आधार पर तय किया जायेगा तथा इस संबंध में विभाग का निर्णय अंतिम होगा।

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