भाजपा-कांग्रेस दोनों में खलबली मची हुई है। कांग्रेस का जहां बड़े स्तर कार्यक्रम जबलपुर में सफल रहा तो जिसमें कार्यकर्ताओं ने पूरे उत्साह और जोश के साथ सहभागिता की और बता दिया कांग्रेस एक जुट है, पर संचालन में त्रुटी कहें या चूंक इसकी चर्चा है। दूसरी तरफ भाजपा के सदस्यता अभियान की संख्या को लेकर प्रदेश स्तर से मंथन किया जा रहा है। केंट विधानसभा में अब तक सर्वाधिक सदस्य जोड़े गए हैं और पूरे महाकोशल में केंट सबसे अव्वल है। इस स्थिति में भाजपा विधायकों में होड़ लगी है अब उन्हें भी ज्यादा से ज्यादा सदस्यों को जोडऩा है।
जबलपुर, यशभारत। कांग्रेस के जंगी प्रदर्शन में एक जुट कार्यकर्ता क बीच यह चर्चा बड़ी खास थी। कि मंच पर संचालन के द्वारा नेताओं कुछ कुछ तो हुआ है जबकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रही है हर एक मुददे पर पूरी कांग्रेस एक जुट नजर आ रही है परंतु जबलपुर में एक हल्ला बोल रैली प्रदर्शन में नेताओं के उदबोधन में राजनीति की महक आ रही थी।
दरअसल इस कार्यक्रम में कुछ नेताओं को बोलने का मौका नहीं मिला जबकि प्रदेश स्तर से आए नेताओं ने जमकर नगर सरकार और भाजपा की सरकार पर हमला बोलते हुए जंगी प्रदर्शन किया। पार्टी के अंदरखानों में जो चर्चाएं हो रही है उस पर भरोसा किया जाए तो उदबोधन कौन-कौन देगा यह पहले से तय था इसलिए उन नेताओं को बोलने का मौका नहीं मिला जो कभी विधानसभा में जबलपुर की बात रखते थे। उद्बोधन कार्यक्रम में कुछ नेता ऐसे भी थे जो सोच रहे थे कि उन्हें बोलने का मौका मिलेगा परंतु ऐसा होता उससे पहले पूरे कार्यक्रक की समाप्ति की घोषणा कर दी गई।
अरे… हम पीछे हो गए, केंट विधानसभा ने मारी बाजी भाजपा का सदस्यता अभियान
जबलपुर, यशभारत। राजनीति भी गजब की होती है, हाईकमान के आगे नंबर कमाने के खेल में कोई मौका नहीं छोड़ते हैं लेकिन कई बार अति आत्मविश्वास में आगे पीछे के खेल का कोई जवाब नहीं दे पाते हैं। भाजपा का आॅनलाइन चल रहे सदस्यता अभियान को लेकर पार्टी के अंदरखानों में चर्चाओं का विषय बना हुआ है। भाजपा ने ये तय किया था कि हर विधानसभा में जो सदस्यता अभियान होगा उसमें यह पैमाना तय किया जाएगा किस विधानसभा में विधायक सक्रिय रहे और ज्यादा सदस्य बने । हाल ही में प्रदेश स्तर की टाप-10 विधानसभा क्षेत्रों की सूची जारी हुई जिसमें भाजपा के अधिकतम सदस्य बने हैं। इस सूची में महाकोशल से जबलपुर की केंट विधानसभा का नाम शामिल है । केंट विधानसभा के नाम से अन्य क्षेत्रों के विधायक अपनेअ-अपने क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं इसको लेकर गणित तेज हो गया है। अब देखना ये होगा कि इस सदस्यता अभियान से भाजपा की राजनीति किस ओर करवट लेगी। फिलहाल तो विधायक इसमें जुटे हुए हैं कि सदस्यता अभियान की संख्या कैसी बढ़ाई जाए।