स्लॉट से ज्यादा समितियो ने तोल दी धान, प्रबंधको और प्रभावियों की गलती से करोड़ों का नुकसान, वेयरहाउस की कैपेसिटी पूरी होने के बाद भी खरीदते रहे किसानों से धान

जबलपुर, यश भारत। शनिवार को हुई झमाझम बारिश के चलते जिले में लाखों क्विंटल धान भीग गई है । जिससे प्रशासन और किसानों को करोड़ों का नुकसान होने की आशंका है। जिसको लेकर सबसे ज्यादा गफलत उपार्जन केंद्रों के प्रबंधको और प्रभारी के द्वारा की गई है। जिसमें खाद्य विभाग के फूड इंस्पेक्टर भी शामिल है । मामला सेवा सहकारी समिति पनागर और सेवा सहकारी समिति महाराजपुर का है। जहां गोदाम भर जाने के बाद भी लगातार उक्त केंद्रों के स्लॉट बुक होते रहे और स्टॉल की तारीख आने के पहले ही हजारों क्विंटल धान की तोल कर दी गई, जो की बारिश में पूरी तरह से भीग गई है।
कैपेसिटी से ज्यादा खरीद
यश भारत को मिली जानकारी के अनुसार सेवा सहकारी समिति पनागर का केंद्र नर्मदा एग्रो कलाडूमर में खोला गया था। जिसकी भंडारण क्षमता लगभग 28000 क्विंटल की थी लेकिन यहां पर लगभग 45000 क्विंटल धान खरीद ली गई है, और लगभग 25 हजार से 30 हजार क्विंटल धान को स्टॉल की तारीख आने के पहले ही तोल कर रख लिया गया है। जिसके चलते उक्त धान बारिश में भीग गई है। ऐसी ही स्थिति महाराजपुर सेवा सहकारी समिति की है जिसका केंद्र शुभी एग्रो सिगोद में खोला गया है जिसकी रिक्त भंडारण क्षमता लगभग 25 हजार क्विंटल की है और यहां पर लगभग 27000 क्विंटल की खरीद हो चुकी है और 20 से 25 हजार क्विंटल धान स्टॉल की तारीख आने के पहले ही तोल करके रख दी गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब गोदाम की भंडारा क्षमता के बराबर खरीद हो गई थी तो फिर केंद्र क्यों नहीं बदले गए।
किसने दे दिया बारदाना
इस पूरे मामले में सवाल उठता है कि जिन किसानों के स्टॉल की तारीख नहीं आई थी उन्हें बारदाना समिति द्वारा कैसे दे दिया गया। क्योंकि जब तक सर्वेयर की आईडी से धान पास नहीं होती तब तक उसकी तुलाई नहीं हो सकती। लेकिन बिना क्वालिटी चेक करें ही समिति प्रबंधकों द्वारा किसानों को बारदाना दे दिया गया वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले में खाद्य विभाग के अधिकारियों की भी भूमिका संदिघद है । जबकि उन्हें पता था कि गोदाम की कैपेसिटी पूरी हो चुकी है उसके बाद भी उक्त केंद्र में स्टॉल ओपन रखे गए और वहाँ खरीद होती रही। जिसके चलते बारिश में हजारों क्विंटल धान भीग गई है।
और भी है समितियां
पनागर और महाराजपुर मात्र दो समितियां ऐसी नहीं है जहां इस तरह का खेल हुआ हो। कई समितियां हैं जहां पर स्टॉल से ज्यादा धान तोल दी गई है और फिर उसका रखरखाव नहीं हो पाया। जिसमें मुऱई, बेलखेड़ा, कटंगी समिता शामिल है। जहां कागजों पर तो खरीद कुछ हजार क्विंटल दिख रही है लेकिन वहां बड़ी मात्रा में धान का ढेर लगा हुआ है और वह बारिश में खराब हो रहा है इसको लेकर प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
बिना स्टॉल के या स्टॉल की तारीख आये बिना यदि कोई तोल की गई है, तो उसको लेकर जांच की जाएगी और यदि गलती पाई जाती है तो फिर जिम्मेदार लोगों के ऊपर कड़ी कार्रवाई होगी।
दीपक सक्सेना
कलेक्टर जबलपुर