Betul News: सीएमएचओ डाॅ रविकांत उइके बने भ्रष्टाचार अधिकारी और कर्मचारियों के संरक्षक नही होने दे रहे कोई भी कार्यवाही
बैतूल न्यूज़ ! मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आठनेर का है जंहा पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी क्षेत्रीय संचालक भोपाल द्वारा डाॅ रविकांत उइके मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बैतूल को अंतिम चेतावनी देते हुये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आठनेर में हो रहे भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी के संबंध में बी.एम.ओ. के नाम की स्पष्ट जानकारी तथा बी.पी.एम. एव ंबी.सी.एम. की भूमिका के बारे में पूर्ण विस्तृत प्रतिवेदन मांगा गया था जिसमें आज दिनाॅक तक सीएमएचओ बैतूल द्वारा कोई भी जानकारी नही दी गई है जो कि आपत्तिजनक है। और यह भी लेख किया गया कि बार-बार वरिष्ठ कार्यालय द्वारा स्मरण पत्र भेजा गया किन्तु प्रतिवेदन आज दिनाॅक तक अपेक्षित है। और खेद का विषय भी है।
यदि प्रतिवेदन तत्काल ना भेजा गया तो डाॅ रविकांत उइके, सीएमएचओ बैतूल का नाम अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतू वरिष्ठ कार्यालय को भेजा जावेगा। पत्र जारी दिनाॅक 03.04.2024 से आज दिनाॅक तक सीएमएचओ बैतूल द्वारा जानकारी नही भेजी गई है। जो कि वास्तव में एक खेद का विषय है और सीएमएचओ डाॅ रविकांत उइके के शासनकाल में हो रहे भ्रष्टाचार पर सवाल पैदा करता है।
मामला यही यही शांत नही होता है वही अपने भ्रष्टाचार कार्यशैली एवं फर्जी भर्ती के मास्टर मांइड संजय दुबे, सहायक ग्रेड-2 को भी बचाने के भरसक प्रयास डाॅ रविकांत उइके सीएमएचओ बैतूल द्वारा किये जा रहे है यहि नही अपनी भ्रष्ट कार्यशैली के चलते सीएमएचओ बैतूल द्वारा क्षेत्रीय संचालक भोपाल को संजय दुबे को सीएमएचओ कार्यालय में बने रहने के लिये पत्र भी लिखा गया है जिसमें सीएमएचओ बैतूल द्वारा संजय दुबे को कार्यालय में यथावत रखे जाने की मांग की गई है और कहा गया है कि उनके ना रहने से स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाऐं गडबडा जावेगी। और सीएमएचओ बैतूल द्वारा माननीय कलेक्टर बैतूल और क्षेत्रीय संचालक महोदय भोपाल को भी गुमराह किया गया है। आश्चर्य की बात है कि एक ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी जिस पर सीएमएचओ आफिस में पदस्थी के दौरान ही फर्जी भर्ती जैसे अपराधिक मामले को अंजाम दिया गया और पुलिस द्वारा गई संगीन और गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया जिसके बचाने के लिये सीएमएचओ बैतूल डाॅ रविकांत उइके द्वारा भरपूर प्रयास किये जा रहे है। क्या संजय दुबे सहायक ग्रेड-2 के आफिस में रहने से उनके उपर चल रही जाॅच से संबंधित दस्तावेजो से छेडखानी होने की संभावना नही है ? ऐसी स्थिति में संजय दुबे सहायक ग्रेड-2 के उपर कार्यवाही करने के बजाय सीएमएचओ उन्हे बचाने के प्रसाय में लगे हुये है। यदि भविष्य में भी उक्त कर्मचारी द्वारा भ्रष्चाटार किया जाता है तो उसकी जिम्मेदार कौन होगा। यही सवाल डाॅ रविकांत उइके सीएमएचओ बैतूल से पूछा जाता है तो मामले में संजय दुबे, सहायक ग्रेड-2 को बचाते हुये चुप्पी साध ली जाती है।