जबलपुर

भाजपा के प्रचार ने पकड़ी रफ्तार ,कांग्रेस के कार्यकर्ता नहीं दिखा रहे उत्साह

जबलपुर, यशभारत। लोकसभा चुनाव को लेकर जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है, प्रचार भी तेज होता जा रहा है। मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के आशीष दुबे और कांग्रेस के दिनेश यादव के बीच में है अब मतदान को 17 दिन का ही समय शेष बचा है ऐसे में दोनों ही पार्टिया अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं । लेकिन एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव को लेकर अधिक उत्साहित नहीं दिखाई दे रहे हैं, जिसका कारण कुछ दिनों पहले ही विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार और कांग्रेस नेताओं के लगातार दल बदल को बताया जा रहा है। जिसके चलते कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ मैदान में नहीं उतर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी पिछले चुनाव में मिली जीत के चलते पूरे जोश में है और वह मैदान पर भी दिखाई दे रहा है ।

साफ छवि के चेहरे
इस लोक सभा चुनाव में दोनों ही राजनीतिक दलों में यदि कुछ समानता है तो वह है कि दोनों ही प्रत्याशी साफ क्षवि के हैं और जनता के साथ-साथ कार्यकर्ताओं के बीच में भी स्वीकार्य हैं । एक ओर जहां दिनेश यादव लंबे समय तक शहर की राजनीति करते आए हैं और बतौर नगर अध्यक्ष एक लंबा कार्यकाल उन्होंने विताया है ।वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रत्याशी आशीष दुबे ग्रामीण से दो बार अध्यक्ष रहे हैं साथ ही साथ प्रदेश स्तर पर भी उन्हें काम करने का अनुभव है। दोनों ही लम्बे समय की राजनीति करने के बाद भी विवादों से दूर रहे हैं और उनकी छवि साफ सुथरी रही है।

आशीष को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में उत्साह
जबकी आशीष दुबे दो बार भाजपा ग्रामीण के अध्यक्ष रह चूके हैं और ग्रामीण परीवेश से ही आते हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में उनको लेकर खासा उत्साह है जबकी पीछले दो दसको से जबलपुर सांसद शहरी क्षेत्र से ही आये हैं ऐसे में लंबे समय के बाद ग्रामीण क्षेत्र से किसी चेहरे को मौक मिला है ऐसे में ग्रामीण मतदात अशीष दुबे को लेकर उत्साहित नजर आ रहे।

दिनेश को लेकर नहीं है मतभेद
देखा जता है की कांग्रेस में टिकट आते ही विवाद शुरू हो जता है और प्रत्यशी के विरोध में अक्सर कांग्रेस नेता ही मुखर हो जाते हैं लेकिन इस बार जो कांग्रेस ने लोकसभा का प्रत्यशी मनाया है उसको लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच में किसी भी प्रकार का मतभेद या विरोधअभास नजर नहीं आ रहा है जिसका करण है दिनेश यादव की साफ छवी साथ ही साथ लंबे समय तक संगठन के लिए किए गए उनके कार्य जिसके चलते इस बार कांग्रेस मैं भीतर घात की स्थिति नहीं बनी हुई है।

संगठन की भूमिका निर्णायक
इस लोकसभा चुनाव में जबलपुर सीट पर संगठन की भूमिका सबसे ज्यादा निर्णायक है और जब संगठन की बात आती है तो भारतीय जनता पार्टी सबसे मजबूत होकर सामने आती है। इस बार भी भाजपा का संगठन मजबूत दिख रहा है क्योंकी चुनावों के ठीक पहले कांग्रेस के नगर अध्यक्ष पाला बदलकर भाजपा में चले गए और फिर उसके बाद आनन फानन में नया अध्यक्ष कांग्रेस को देना पड़ा । वहीं दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव की हर के चलते भी अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में अलग-अलग समीकरण है।

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