जबलपुर में वाहन चालक का बड़ा खुलासा, इंदौर के बड़े नेता को पैसा पहुंचाने आरटीओ में वसूली
कुछ दिन पूर्व मारपीट और कार्यालय में तोड़फोड़ का आरोप लगा था वाहन चालक पर

जबलपुर, यशभारत। राजनीति में किस तरह से अधिकारियों का उपयोग किया जा रहा है और कैसे पार्टियों को पैसा भेजा रहा है इसका खुलासा जबलपुर रांझी में रहने वाले एक वाहन चालक ने किया है। वाहन चालक का आरोप है कि पिछले दिनों जब वह आरटीओ कार्यालय पहंुचा और बिटिया के नाम पर दो पाहिया गाड़ी करानी चाही तो वहां मौजूद कर्मी और अधिकारियों ने 3 हजार की रिश्वत मांगी, पैसा मांगने की बात पूछी गई तो आरटीओ कर्मियों का कहना था इंदौर में चुनाव होना है और एक बड़ी पार्टी के नेता को आरटीओ पैसा भेजना है। वाहन चालक के इस खुलासे के बाद राजनीतिक क्षेत्रों में हड़कंप मच गया है। मालूम हो कि पिछले दिनों आरटीओ कार्यालय में कुछ कर्मचारी से मारपीट का एक मामला सामने आया था जिसमें वाहन चालक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी।
रांझी निवासी मंजीत सिंह ने आहूजा ने जिला निर्वाचन अधिकारी और एसपी को शिकायत करते हुए बताया कि विगत दिवस आर.टी.ओ. कार्यालय में हुई घटना को मेरे विरूद्ध मीडिया में झूठा प्रसारित-प्रचारित किया जा रहा है। जबकि मेरा पक्ष कहीं नहीं सुना जा रहा है। घटना की सत्यता कुछ और ही है। वास्तविकता यह है कि मेरा एक दो पहिया वाहन एमपी20जेडसी-7673, टीव्हीएस जूपीटर जो कि माता के नाम पर आरटीओ कार्यालय में दर्ज है। उक्त वाहन को मैं अपनी पुत्री के नाम करवाने हेतु 21 मार्च 2024 को ऑनलाईन आवेदन कर विधिवत् फीस टैक्स जमा की गई थी। इसके पश्चात् मुझे वाहन स्वामी को आरटीओ कार्यालय में प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। मेरे द्वारा बताया किया मेरी मां 80 वर्ष की वृद्ध है तथा उनका आंखों का ऑपरेशन हुआ है जो कि शुगर होने के कारण बिगड़ चुका है। इस कारण वे कार्यालय आने में असमर्थ है।
रिटायर कर्मचारी सुनील तिवारी ने मांगे 3000 रूपए
शिकायतकर्ता का आरोप है कि पूरे मामले में आर.टी.ओ. द्वारा सुनील तिवारी से मिलने को कहा गया । सुनील तिवारी द्वारा मुझसे वाहन स्वामी के न आने की दशा में 3000- रूपये की मांग की गई। तो मेरे द्वारा व्यक्तिगत रूप से साहब से मिलकर पैसे देने में कई बार असमर्थता व्यक्त की गई । आरटीओ द्वारा मुझे आचार संहिता का हवाला देकर यह कहा कि आप तो पुराने जानकार हो मंजीत । अभी कोई पैसे कम नहीं हो पायेंगे ऊपर से बहुत दबाव है। चुनाव चल रहे हैं पैसा ऊपर इंदौर में मंत्री जी को भेजना है।
शराब के नशे में धुत्त थे कर्मचारी
शिकायतकर्ता मंजीज का कहना है कि इसी कम में में पुनः दिनांक 12.4.2024 को लगभग 5.00 बजे शाम मैं आरटीओ के पास पहुंचा तो उन्होंने मुझसे झल्लाकर बात की तथा वहां दो व्यक्ति साहब के साथ मौजूद थे जिन्हें मैं नहीं जानता वे लोग शराब के नशे में धुत्त थे। उनके द्वारा मेरे साथ अभद्रता एवं गाली गलौच की गई और उनके उकसावे के कारण साहब द्वारा अचानक मेरी कॉलर पकड़ ली गई और कहा कि दरवाजा बंद करो और इसको मारो। तब मैंने अपना बचाव किया। जिसमें धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद मैं जैसे-तैसे कार्यालय से बाहर निकला एवं घटना की शिकायत कराने एवं उक्त व्यक्तियों का मुलाहिजा करने की मांग को लेकर थाना माढोताल पहुंचा । उसी समय अधिकारी भी अपने सारे स्टॉफ एवं एजेंटों को थाने पहुंचने का आदेश देकर थाने पहुंच गये । जिसमे उनके साथ मारपीट करने वाले वे दो व्यक्ति न था जहां मैं अपनी शिकायत दर्ज करवा रहा था। उसी बीच आरटीओ का परा स्टॉफ एवं लगभग ऊपर एजेंट थाने पहुंच गया।
मुझे फरार आरोपी बना दिया गया
मंजीत सिंह ने बताया कि उसी दिन रात 10 बजे तक आरटीओ द्वारा तथा अपने स्टॉफ एवं एजेंटों द्वारा थाने में बैठकर बार-बार फोन कर मुझ पर दबाव बनाया जाता रहा। जिस वजह से मैं उक्त समय के बीच में थाने वापस नहीं आया। इसके बाद मेरा पक्ष सुने बगैर मेरे विरूद्ध रात्रि में शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का प्रकरण दर्ज करवा दिया गया। मैं रात्रि 10 बजे के बाद मैं अपना पक्ष रखने पुनः थाने पहुंचा तो मुझे बताया गया कि आपके विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया गया है फिर मैं अपना वाहन जो कि थाने में छोड़ आया था वह लेकर अपने घर आ गया। सुबह मुझे समाचार पत्र एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के द्वारा पता चला कि मैं फरार घोषित किया गया हूं।