जबलपुरमध्य प्रदेश

गजब के चोर : डीआरएम के बेटे का मोबाइल व अन्य सामान चोरी

संपर्क क्रांति एक्सप्रेस का मामला,रेलवे के सीसीटीवी निकले शोपीस,झांसी जीआरपी ने पकड़े चोर

जबलपुर यशभारत। जबलपुर से चलकर दिल्ली जाने वाली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के एसी कोच में शातिर बदमाशों ने जिस तरह से चोरी की वारदात अंजाम दिया उससे पूरे जबलपुर रेल मंडल में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई क्योंकि जिनका कीमती मोबाइल व अन्य सामान की चोरी हुआ वह कोई और नहीं पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर मंडल रेल प्रबंधक के पुत्र से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। सोचिए, जब रेलवे के बड़े साहब यानी डीआरएम साहब के बेटे का मोबाइल और सामान एसी कोच से चोर उड़ा ले जाएं तो आम यात्रियों के सामान की क्या गारंटी है…? यही हुआ जब चोरों ने हाई प्रोफाइल वारदात को अंजाम दिया और पूरे रेलवे महकमे में हड़कंप मच गया।

इस संबंध में रेलवे सूत्रों ने बताया कि 21 सितंबर को डीआरएम के बेटे का जबलपुर से दिल्ली जाने के लिए संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के ए वन कोच में बर्थ नंबर नंबर 37 में रिजर्वेशन था। रात को ग्वालियर झांसी के बीच ट्रेन पहुंचने के बाद उनका कीमती मोबाइल एवं अन्य सामान शातिर चोरों ने पार कर दिया। कुछ देर बाद जब उनकी नींद खुली तो उनके पास रखा मोबाइल एवं पर्स नहीं मिला। यह खबर जैसे ही रेलवे महकमे में लगी तो हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। चूंकि मामला रेलवे के बड़े अधिकारी से जुड़े होने के कारण जीआरपी व आरपीएफ हरकत में आई और शातिर चोर को झांसी रेलवे स्टेशन में दबोच लिया गया जिसके पास से चुराया हुआ मोबाइल व अन्य सामान जब्त किया गया। रेलवे सूत्रों ने तो यहां तक बताया कि इस घटना की रिपोर्ट दिल्ली में दर्ज कराई गई थी।

खोखला साबित हुआ सुरक्षा कवच का दावा

बता दें कि रेलवे प्रशासन जिस सुरक्षा कवच का खूब बखान करता है, वह इस घटना के बाद खोखला साबित हुआ। लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे केवल शोपीस बनकर लगे थे। न तो ऑपरेट करने वाला कोई मिला और न ही चोरी के वक्त किसी ने मॉनिटरिंग की। हालत यह रही कि कैमरे बस टंगे थे, मानो दीवार की सजावट हों।

जीआरपी को बहाना पड़ा पसीना

हालांकि उक्त वारदात के बाद जीआरपी ने सक्रियता दिखाई और पसीना बहाकर चोरों को दबोच लिया। बरामद माल में डीआरएम बेटे का मोबाइल भी शामिल रहा। हालांकि, सवाल यह उठता है कि चोरी होने के बाद जीआरपी ने पकड़ लिया तो क्या सीसीटीवी लगाने का मकसद सिर्फ खानापूर्ति था? यात्रियों का मानना है कि आम आदमी के मोबाइल या पर्स की चोरी पर शायद ही इतनी तेजी दिखाई जाती। लेकिन मामला अफसर परिवार से जुड़ा था, इसलिए पूरे तंत्र को हिला दिया गया।

घटना ने खोली सीसीटीवी कैमरे की पोल

इस घटना ने एक बार फिर कोच में लगे सीसीटीवी कैमरे की पोल खोल दी है।जाहिर है, अगर रेलवे अपने सीसीटीवी कैमरों को केवल शोपीस की तरह सजाकर रखेगा, तो यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही रहेगी।

सागर स्टेशन से चढ़े थे चोर

वहीं इस संबंध में यदि रेलवे सूत्रों की माने तो जिस कोच में चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया उसमें चोर सागर रेलवे स्टेशन से सवार हुए थे रास्ते में उनकी टिकट निरीक्षक एवं अटेंडर से भी वाद विवाद की स्थिति निर्मित हुई थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button