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अवैध रूप से हाथी रखने वाले ‘अली रोशन’ को 15 साल की सजा, करोड़ों का जुर्माना

साल 2015 में सुर्खियों में आई थी. उस वक्त खुलासा हुआ

अवैध रूप से हाथी रखने वाले ‘अली रोशन’ को 15 साल की सजा, करोड़ों का जुर्माना
कोलंबो हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक अनोखे और चर्चित मामले पर सख्त फैसला सुनाया. अदालत ने समारप्पुलीगे निराज रोशन नाम के शख्स, जिसे लोग ‘अली रोशन’ के नाम से जानते हैं, उसको 15 साल की सजा और 2 करोड़ 6 लाख श्रीलंकाई रुपए (करीब 60 लाख भारतीय रुपए) का जुर्माना लगाया है. आरोप था कि उसने हाथियों को अवैध तरीके से अपने कब्जे में रखा था. तीन जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया और साफ कहा कि हाथी को तुरंत सरकार की हिरासत में भेजा जाए.

कैसे शुरू हुआ मामला
यह कहानी साल 2015 में सुर्खियों में आई थी. उस वक्त खुलासा हुआ कि अली रोशन के पास पाँच हाथी गैरकानूनी तरीके से थे. मामला छोटा नहीं था, क्योंकि श्रीलंका में हाथी सिर्फ वन्यजीव विभाग की अनुमति से ही रखे जा सकते हैं. लेकिन रोशन ने कागजों में फर्जीवाड़ा करके ये हाथी अपने पास रख लिए.कहा गया कि उसने 2009 से 2015 के बीच यह सारा खेल खेला. इसी दौरान वह हाथियों के नाम पर झूठी एंट्री वन्यजीव विभाग के रजिस्टर में दर्ज करवाता रहा.

कोर्ट में क्या हुआ
इस केस में अली रोशन और उसके साथियों के खिलाफ कुल 33 आरोप लगाए गए थे. जांच के बाद अदालत ने रोशन को दो आरोपों में दोषी माना. बाकी तीन आरोपियों को सबूतों की कमी की वजह से बरी कर दिया गया. कोर्ट ने माना कि रोशन ने जानबूझकर कानून तोड़ा और हाथियों को अवैध रूप से कब्जे में रखा. यही वजह रही कि सख्त सजा सुनाई गई.

हाथी का क्या होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यही था कि जिस हाथी को गैरकानूनी तरीके से पाला जा रहा था, उसका क्या होगा? अदालत ने साफ आदेश दिया कि हाथी को सरकार की देखरेख में भेजा जाएगा. यानी अब यह हाथी सरकारी हिरासत में रहेगा, ताकि उसकी सही देखभाल हो सके.

क्यों है यह मामला अहम?
श्रीलंका में हाथी न सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं, बल्कि यह देश के लिए धरोहर की तरह माने जाते हैं. ऐसे में किसी भी शख्स का उन्हें गैरकानूनी तरीके से अपने पास रखना बड़ा अपराध माना जाता है. यही वजह है कि अदालत ने इस बार सख्ती दिखाई और मिसाल पेश की.

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