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क्या हुआ जब गुरु नानक मक्का की तरफ पैर करके लेट गए? दी ये बड़ी सीख

Guru Nanak Jayanti 2022: गुरु नानक जयंती कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है. इसे प्रकाश पर्व या गुरु पर्व भी कहा जाता है. गुरु नानक जी सिख धर्म के संस्थापक थे. ऐसी मान्यताओं हैं कि इस दिन सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव का जन्म हुआ था. सिख समुदाय के लोग गुरु नानक पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन लोग भजन-कीर्तन करते हैं और वाहे गुरु का जाप करते हैं. कुछ इलाकों में तो ढोल मंजीरों के साथ प्रभात फेरी निकाली जाती है. इस साल गुरु नानक जयंती 08, नवंबर को मनाई जा रही है.

गुरु नानक जी के जीवन की एक ऐसी खास घटना है जो लोगों के जेहन में आज तक जिंदा है. एक बार गुरु नानक ने मक्का मदीना की यात्रा पर इस्लाम धर्म के अनुयाइयों को बड़ी शिक्षा दी थी. गुरु नानक ने हाजी का भेष धारण करके अपने शिष्यों के साथ मक्का की यात्रा की थी. गुरु नानक की मक्का यात्रा का विवरण कई धर्म ग्रंथों और ऐतिहासिक किताबों में मिलता है. जैन-उ-लबदीन की किताब ‘तारीख अरब ख्वाजा’ में भी गुरु नानक की इस मक्का यात्रा का जिक्र है.

जब गुरु नानक ने किए मक्का की तरफ पैर

एक बार यात्रा के बीच गुरु नानक थक गए और और वहां पर हाजियों के लिए बनी एक आरामगाह में मक्का की ओर पैर करके लेट गए. तभी वहां हाजियों की सेवा करने वाला एक खातिम आया, जिसका नाम जियोन था. गुरु नानक को मक्का की तरफ पैर करके लेटा हुआ देख वो बहुत गुस्सा हुआ और गुरु जी से बोला- क्या तुम्हें इतना भी नहीं पता कि तुम मक्का मदीना की तरफ पैर करके लेटे हो. गुरु नानक ने कहा कि वह बहुत थके हुए हैं और आराम करना चाहते हैं.

इसके बाद गुरु नानक ने जियोन से कहा कि मेरे पैर मक्का की तरफ हैं. तुम इन पैरों को उस तरफ कर दो जहां खुदा न हों. तब जियोन को गुरू नानक की बात समझ में आ गई कि खुदा केवल एक दिशा में नहीं बल्कि हर दिशा में है. आखिर में गुरु नानक ने जियोन को समझाया कि अच्छे कर्म करो और खुदा को याद करो, खुदा अपने आप मिल जाएंगे.

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