जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

जबलपुर मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय पेपर लीक मामला, दोषियों पर कार्रवाई: रतलाम के सह प्राध्याापक डाॅक्टर उमेश सिन्हा, जबलपुर से रीडर निधि श्रीवास्तव ने परीक्षा में की गड़बड़ी

जबलपुर, यशभारत। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय पेपर लीक मामले में देर सबेर कुलसचिव डाॅक्ट र प्रभात बुधौलिया ने कार्रवाई करते हुए रतलाम के सह प्रध्यापक डाॅक्टर उमेश सिन्हा और जबलपुर आयुर्वेद काॅलेज की रीडर निधि श्रीवास्तव को दोषी मानते हुए दोनों अधिकारियों को विवि के समस्त कार्यों के लिए अयोग्य घोषित किया है। मतलब ये दोनों अधिकारी विवि के किसी भी कार्य में अब हिस्सा नहीं होंगे।
मालूम हो कि 10 जून 2022 को बीएएमएस की एनाटाॅमी विषय के प्रातः 11 बजे से दोपहर 02 बजे के प्रश्नपत्र को योजनाबद्ध तरीके से निजी आयुर्वेद महाविद्यालयों संचालकों की मिलीभगत से आउट कराकर भ्रष्टाचार किया गया है । परीक्षा नियंत्रक डाॅ . सचिन कुचया द्वारा डाॅ . निधि श्रीवास्तव प्रोफेसर शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर को पेपर सेटर बनाकर पहले एनाटाॅमी विषय का पेपर सेट कराया गया । पेपर सेटर से कभी भी प्रश्नपत्र का माॅर्डरेशन नहीं कराया जाता है परन्तु निधि श्रीवास्तव को ही एनाटाॅमी विषय के पेपर का माॅडरेटर नियम विरुद्ध बनाया गया । पेपर प्रारंभ होने के आधे घंटे बाद तक परीक्षा केन्द्र में परीक्षार्थियों को प्रवेश की अनुमति होती है , अतः डाॅ निधि श्रीवास्तव को पेपर माॅर्डरेशन के बाद 10 जून 2022 को विश्वविद्यालय में पेपर प्रारंभ होने के आधे घंटे बाद तक नियमानुसार रुकना अनिवार्य था ताकि पेपर आउट होने की संभावना समाप्त हो जाये ।

डाॅक्टर पंकज और परीक्षा नियंत्रक सचिन कुचया
इस पूरे प्रकरण में कुलसचिव द्वारा दो अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है लेकिन मप्र स्टूडेंट यूनियन इस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सहायक कुलसचिव डाॅक्टर पंकज बुधौलिया और परीक्षा नियंत्रक डाॅक्टर सचिप कुचया पर कार्रवाई कब होगी। क्योंकि पूरे मामले में दोनों अधिकारियों की भूमिका अहम है इनके द्वारा ही पेपर लीक कराके परीक्षा को प्रभावित किया गया है।

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