मध्य प्रदेशराज्य

यश भारत विशेष : आस्था और विश्वास का रमणीय तीर्थ मनसा देवी मंदिर

पथरियाlमनसा देवी मध्य प्रदेश के दमोह जिले तहसील पथरिया से मात्र 5 किलोमीटर दूर सागर रोड पर स्थित है बहुत ही सुंदर एवं स्वच्छ वातावरण वाला स्थान है भक्तों की जो भी मनोकामना है मनसा माता सारी मनोकामना पूरी करें ऐसी मान्यता है जो भी भक्त यहां एक बार आता है यहां से जाने का मन नहीं करता उसका नीचे तलहटी में सिद्ध हनुमान जी का मंदिर है एवं सीढ़ियां चढ़ते हुए मनसा देवी मंदिर है।

मनसा देवी तीर्थ के प्रवर्तक सन्त “पलटू बाबा” इन्होंने इस मंदिर की स्थापना की वह ग्राम ढिगसर के निवासी थे एवं उन्हें इस स्थान पर सिद्ध बाबा के चबूतरे पर बरगद वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी संत पलटू बाबा एक सिद्ध पुरुष हैं और लोगों का मानना है कि पलटू बाबा मृत्यु के बाद भी इस स्थान पर निवास करते हैं क्षेत्र के संरक्षण के साथ विकास के लिए आपकी मेहनत सराहनीय योगदान है।

पथरिया रोड पे स्थित सागर से 40 किलोमीटर एवं दमोह से 30 किलोमीटर दूरी पे है मंशापूर्ण धाम। ये सागर जोन की एक बहुमूल्य प्राकतिक एवम धार्मिक धरोहर है। सबसे सघन वन और वन्य जीवों से भरी हुई ये जगह उनका संरक्षण स्थल है। शाम 4 बजे प्रति दिन यहाँ 200 हिरणों एवम मोरो के झुंड आते जिन्हें आप दाना दे सकते है। यहाँ की रॉक फार्मेशन देखने लायक है।यह एक रमणीय स्थान है यहां आसपास वन्य प्राणी भी विचरण करते देखते जाते हैं इसलिए यह क्षेत्र पर्यटन स्थान के रुप में भी प्रचलित है।

जहां पर मां मनसा देवी की 108 भुजा धारी मूर्ति स्थापित है। जिस कारण यहां पर क्षेत्र एवं आसपास के लोगों का आना जाना होता है।

 

यहां विशाल मेले का भी आयोजन होता है नवरात्रि, नववर्ष, होली,मकर सक्रांति के अवसर पर होते है। नगरीय क्षेत्र के पास होने के कारण यहां लोग सुबह, शाम घूमने आते हैं शुद्ध हवा लेते हैं। यहां पर मौजूद वन्य प्राणियों द्वारा यहां विचरण किया जाता है जिसका आनंद भी लोगों द्वारा लिया जाता है। इसके अलावा यहां पर पलटू बाबा नाम के संत हुआ करते थे जिन्होंने विगत वर्षों में समाधि ले ली, लेकि न उन्होंने जो इस क्षेत्र का संरक्षण कि या है वह चर्चा का विषय है और यह स्थान उनके नाम से भी जाना जाता है।

 

इस क्षेत्र के आसपास की वन भूमि पर वन माफियाओं द्वारा अवैध कब्जा कर खेती व अवैध उत्खनन कि या जा रहा है। पेड़ों की कटाई जारी है नहीं तो यह स्थान आने वाली पीढ़यिों के लिए एक उदाहरण साबित होता, लेकि न लगातार वन भूमि पर वन कर्मियों की मिलीभगत के चलते खोखला कि या जा रहा है जिस पर वन विभाग सहित जिला प्रशासन मौन साधे हुए हैं।यहां पर स्थित पहाड़ियां, पेड़, पौधे और वन्यजीवों का विचरण लोगों का मन मोह लेता है। हिरण, मोर, नीलकंठ पक्षी, बंदर सहित अन्य कई वन्य प्राणियों के होने से यह स्थान आकर्षण का कें द्र बना है। इन वन्य प्राणियों के भोजन की व्यवस्था राजेश कुर्मी करते हैं जो एक चाय की छोटी सी दुकान लगाकर अपने परिवार व इन वन्यजीवों का भरण पोषण करता है उसके मन मे वन्यजीवों के प्रति प्रेम की भावना देखने लायक है एक आवाज पे सेंकडो हिरन,मोर,चीतल आदि जीव दौड़े चले आते हैं। सिद्ध पहाड़ी व उमराहो सड़क के समीप हजार पेड़ लगे हुए थे, लेकिन यहां लगातार अवैध कटाई होती गई और अब आलम यह है कि जंगलों की अवैध कटाई व वन्यजीवों के शिकार से पशु, पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियां भी आजकल कम ही देखने को मिलती हैं।स्थानीय विधायक एवं मंत्री लखन पटेल से जनता की आशा है कि क्षेत्र के लिए दर्शनीय स्थल के साथ पर्यटन स्थल भी घोषित कराए जिससे आमजन को अन्य सुविधाएं उपलब्ध हो।

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