जबलपुर

ग्वारीघाट में बारिश के चलते गिरी दीवार एक की मौत,ग्वारीघाट रोड स्थित नर्मदा नगर की घटना

क्षेत्रीय लोगों ने अवैध निर्माण को बताया घटना का कारण

जबलपुर यश भारत।रविवार की देर रात से शुरू हुई बरसात के चलते ग्वारीघाट रोड स्थित नर्मदा नगर में एक निर्माणधीन दीवार कच्चे मकान पर गिर गई जिसमें एक वृद्ध की मृत्यु हो गई जानकारी के मुताबिक नर्मदा नगर स्थित चतुर्वेदी वाड़ा में निर्माण कार्य चल रहा था और उसके ठीक बगल में मोहन ठाकुर का निवास था देर रात निर्माण दिन दीवार मोहन ठाकुर के कच्चे घर के ऊपर गिर गई जिसके नीचे मोहन ठाकुर के दबने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

निर्माणाधीन मकान की गिरी दीवार
             निर्माणाधीन मकान की गिरी दीवार

क्या है मामला  मोहन ठाकुर जो कि निर्माणधीन मकान में रहता था जिसके परिवारजन रात में शादी समारोह में गये हुए थे ,रात 1:30 बजे करीब अचानक बारिश तेजी से होने के कारण दीवार अधेड़ उम्र के मोहन पर गिर गई। निर्माणाधीन दीवार मोहन ठाकुर के कच्चे घर के ऊपर गिर गई जिसके नीचे मोहन ठाकुर के दबने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

मृतक मोहन
मृतक मोहन

शहर के कई जर्जर भवन गिरने की हालत में-बरसात शुरू होने के बाद अब शहर में बने जर्जर भवनों को गिरने का खतरा भी बढ़ चुका है। जिसके चलते कई बार बहुत से हादसे पूर्व में हो चुके हैं और कुछ हादसों में तो लोग घायल भी हुए हैं। उल्लेखनीय है कि भारी बारिश के बाद शहर के कई क्षेत्रों में ऐसे जर्जर भवन अब भी खड़े हुए हैं, जो इतने कमजोर हैं कि भारी बारिश के बाद उनके गिरने और ढहने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि पिछले वर्ष भी ऐसे हादसे होने के कारण निगम द्वारा कार्रवाई करते हुए बहुत से जर्जर भवनों को तोड़ा गया था। लेकिन इस वर्ष भी कई भवन है जो कि अब भी जर्जर स्थिति में खड़े हुए हैं। आगे आने वाली इस बारिश में अगर जल्द ही इन पर कार्यवाही नहीं की गई तो हादसे होने की संभावना बढ़ सकती है।भारी बारिश होने के पहले ही अगर इन जर्जर भवनों के ऊपर जल्द ही कोई कार्यवाही नहीं की गई तो इस वर्ष भी कई हादसे जर्जर भवनों के कारण हो सकते हैं। शहर के दीक्षिपुरा, कोतवाली, मिलौनीगंज, कमानिया, साठिया कुआं, दरहाई, सराफा क्षेत्र सहित शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में अब भी खतरनाक और जर्जर भवन खड़े हुए हैं

विगत वर्षों में हुए थे कई हादसे-विगत वर्ष भारी वर्षा के दौरान जर्जर मकान, छज्जा, गिरने की घटनाएं चुकी हैं। जिसमें कई लोग घायल हुए थे। जिसमें घमापुर चौक के समीप स्थित जर्जर मकान को ऊपरी हिस्सा भरभरा कर नीचे आ गिरा था, गनीमत रही कि उस दौरान कोई मलबे की चपेट में नहीं आया था नहीं तो  बड़ा हादसा हो सकता था। उसके पूर्व भी 2022 में करमचंद चौक के पास एक दो मंजिला पुराने भवन का छज्जा और सीढ़ी भी गिर गई थी, जिसके कारण मकान में रह रहे एक ही परिवार के सात लोगों की जान सांसत में फंस गई थी। इसके अलावा लगभग 3 वर्ष पूर्व हनुमानताल साठिया कुआं में दो मंजिला पुराना जर्जर मकान ढहने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई थी। क्षेत्रीय नागरिक वह मंजर याद करते हैं तो आज भी उनके रोंगते खड़ेहो  जाते हैं।

 

 

 

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