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EXCLUSIVE  :  पशुओं से ऐसा लगाव कि वेटरनरी की टॉपर बनीं रीवा की रागिनी मिश्रा, प्रदेश की 80 सीटों में पाया प्रथम स्थान

रीवा|   जिले के त्योंथर नगर पंचायत में रहने वाली रागिनी मिश्रा ने हाल ही में जारी हुई मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की चयन सूची में टॉपर बनकर मध्यप्रदेश का नाम रौशन किया है. रागिनी मिश्रा ने प्रदेश में पहला स्थान हसिल करते हुए अपने माता पिता के साथ ही विंध्य और रीवा का मान बढ़ाया है.

MPPSC की परीक्षा में टॉप करके प्रदेश में पहला स्थान हासिल करने वाली रागिनी मिश्रा रीवा जिले के त्योंथर के नगर पंचायत क्षेत्र स्थित वार्ड क्रमांक 1 की निवासी हैं. रीवा की बेटी रागिनी ने एमपीपीएससी वेटरनरी परिक्षा की चयन सूची में पहला स्थान प्राप्त करते हुए त्योंथर सहित रीवा और समूचे विंध्य का नाम रौशन कर दिया है. रागिनी की इस उपलब्धि पर उनके अभिभावक और शिक्षक सहित तमाम लोग प्रशंसा कर रहें है

रागिनी मिश्रा को इस परीक्षा के जरिए वेटरनरी असिस्टेंट सर्जन का पद हासिल होगा. प्रदेश में कुल 80 सीट थीं और इसमें रागिनी मिश्रा की श्रेणी में हैं. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा बीते 10 सितंबर 2023 को यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसका रिजल्ट 21 नवंबर 2023 को घोषित किया गया था और 10 जून 2024 से इंटरव्यू शुरू हो गए थे. इसके बाद 13 जून 2024 को इसका समापन हुआ और अब फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया गया है रागिनी मिश्रा रीवा के त्योंथर नगर पंचायत की निवासी हैं, उनके पिता रामबिहारी मिश्रा पेशे से किसान हैं जबकि माता सुधा मिश्रा गवर्मेंट प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका के पद पर पदस्थ हैं. दो भाई प्राइवेट जॉब में है जबकि छोटी बहन कॉलेज में अध्यनरत हैं. रागिनि का विवाह उत्तरप्रदेश के प्रयागराज जिले में हुआ था और उनके पति शक्ति कुमार द्विवेदी उत्तरप्रदेश सरकार में मेडिकल ऑफिसर के पद पर पदस्थ ह

MPPSC की परीक्षा में टॉप करने के बाद रागिनी को वेटरनरी असिस्टेंट का पद दिया जाएगा. रागिनी बताती हैं कि उन्होंने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा त्योंथर स्थित अपने गांव के ही एक निजी सकूल से प्राप्त की थी जबकि ग्रेजुएशन उन्होंने कॉलेज ऑफ वेटरनरी कॉलेज जबलपुर से कंपलीट किया. उसके बाद पीएचडी उन्होंने वेटरनरी इंस्ट्यूट उत्तर प्रदेश के बरेली से की.

**पशु प्रेमी हैं रागिनी**

रागिनी का कहना है कि पशु विभाग चुनने की वजह यह थी कि बचपन से ही वह अपने घर पर गाय और अन्य पशुओं को देखती आ रही हैं, जिसके चलते उनका पशुओं के प्रति लगाव काफी बढ़ गया. तभी से उन्होंने पशुओं की सेवा करने का मन बना लिया. रागिनी ने पशुओं की सेवा के लिए रिसर्च की तब उन्हें लगा के वह पशु चिकित्सक आधिकारी या वेटरनरी असिस्टेंट सर्जन बनकर ही वह पशुओं की बेहतर सेवा कर सकती है क्योंकि यह बेजुबान पशु बोल नहीं सकते और इनकी परेशानी समझना एक बहुत बड़ा संघर्ष है और यहीं से रागिनी को इसकी प्रेरणा मिली

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