
जबलपुर, यशभारत। वेटरनरी कॉलेज के डॉक्टरों ने एक बार फिर सफल ऑपरेशन कर मूक पशु की जान बचाई है। दरअसल एक पशुपालक अपनी बीमार गाय को लेकर इलाज कराने वेटरनरी पहुंचा था जहां डॉक्टरों ने परीक्षण ऑपरेशन किया तो गाय के पेट से 75 किलो पॉलीथिन और अन्य कचरा निकला।
मालूम हो कि नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत पशु चिकित्सा परिसर, पशु चिकित्सा विज्ञानं एवं पशुपालन महाविद्यालय, जबलपुर पशु सेवा में निरंतर कार्यरत रहता है इसी क्रम में बिगत दिवस दिनांक 15 जून को श्री मनीष नामदेव जी एक बीमार गाय लेकर पशु चिकित्सा परिसर, जबलपुर आये, जिसका बच्चा गिर गया था और बच्चादानी में काफी मात्रा में मवाद आ रहा था जिसका पशु चिकित्सा परिसर में इलाज किया गया परन्तु जब गाय ने खाना खाना बंद कर दिया और उसकी प्रारंभिक जाँच की गयी तो गाय के पेट में पन्नी होने का अनुमान लगाया गया इसके पश्चात गाय के ऑपरेशन की सलाह दी गयी

विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय डॉ सीता प्रसाद तिवारी जी के निर्देशानुसार गाय का रुमेनोटॉमी ऑपरेशन डॉ अपरा शाही, डॉ रणधीर सिंह एवं डॉ बबिता दास, पीएचडी छात्र डॉ प्रवेश द्विवेदी एवं स्नातकोत्तर छात्र डॉ नितेश, डॉ विनायक, डॉ कुंदन, डॉ मोनिशा डॉ सचिन एवं डॉ नेहा आदि द्वारा किया गया। गाय के पेट से लगभग 75 किलो पन्नी, रस्सी, कपडा एवं फलो की गुठलिया आदि निकली गयी। विशेषज्ञों ने बतया की ऑपरेशन के उपरांत गाय पूर्णत: स्वस्थ है एवं उसने पागुर करना भी शुरू कर दिया है। इस सफल शल्य क्रिया के लिए महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ आर के शर्मा ने सराहना की एवं सामान्य जनमानस से पन्नी का कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सीता प्रसाद तिवारी ने पूरी टीम को सफल ऑपरेशन के लिए बधाई दी एवं यह सन्देश दिया कि पन्नियों का उपयोग करना एवं कचरे को कचरादान के बहार फैकना गऊबंशी पशुओं के हानिकारक हो सकता है इसलिए हमे पशुओ कि जान बचने के लिए पन्नी का कम से कम एवं सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए। इस ऑपरेशन के लिए दवाइयों का प्रवन्ध तार बाबू नंदी सेवा समिति एवं पशु चिकित्सा परिसर द्वारा किया गया।