फ्लाईओवर के 183 कालम बनेंगे लैंडमार्क: पता ढूंढने में होगी आसानी,हो सकता है दिल्ली पैटर्न लागू
पीडब्ल्यूडी कर रहा है मार्किंग

जबलपुर यश भारत। शहर में दमोहनाका से मदन महल की फ्लाईओवर का निर्माण कार्य 90त्न निर्माण पूरा हो चुका है फ्लाईओवर में लगभग 183 से 185 पियर लगाए गए हैं । इसके साथ-साथ इन पियरों में पीडब्ल्यूडी द्वारा बाकायदा नंबरिंग की गई जिसमें की एक नंबर से 185 नंबर तक के पियरों की मार्किंग पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने की है और आगे के भी अगर कलम तैयार होते हैं तो इसमें भी मार्किंग की जाएगी। पियरो की मार्किंग का उद्देश्य आम जनता के लिए फ्लाईओवर की सर्विस रोड पर स्थित घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के पते को ढूंढने को लेकर किया जा रहा है

दिल्ली पैटर्न में काम लोगों को होगी सुविधा
दमोह नाका मदन महल फ्लाईओवर में कॉलमों के ऊपर हो रही मार्किंग से लोगों को पता ढूंढने में सुविधा होगी। एक ओर जहां निर्माण की दृष्टि से कॉलम नंबर निर्माण एजेंसी के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं वहीं आने वाले समय में कॉलम नंबर बताकर पता देने में आसानी होगी। जबकि महानगरों में मेट्रो और फ्लाईओवर के कॉलम एक लैंडमार्क बन चुके हैं । जहां कॉलम नंबर बता कर अपने घर या दुकान का पता आसानी से बताया जाता है। ऐसे में आने वाले समय में फ्लाईओवर के कॉलम जबलपुर के लिए यातायात में सुविधा के साथ-साथ पता ढूंढने में भी सुविधाजनक साबित होंगे।
- यह है स्थिति
100 फीट गहराई तक की गई स्वाइल टेस्टिंग
767 करोड़ निर्माण लागत
183पीयर पर बना फ्लाईओवर
केबल स्टे ब्रिज में स्टील की रस्सी की गई उपयोग
आकर्षक बो स्टे ब्रिज हुआ रानीताल क्षेत्र में
सेग्मेंटल कांक्रीट का बना कुछ स्ट्रक्चर
183 पियरों पर हो रहा है निर्माण
जबलपुर शहर में दमोह नाका से मदन महल तक एक फ्लाईओवर का निर्माण जारी है, जिसकी अनुमानित लंबाई 7 किलोमीटर है। इस फ्लाईओवर में तीन बो-स्ट्रिंग ब्रिज शामिल हैं, जिनमें से दो रानीताल चौराहे पर स्थित हैं। बो-स्ट्रिंग ब्रिज के निर्माण के बावजूद, नीचे का चौराहा अपरिवर्तित रहेगा जहां पांच प्रमुख मार्ग मिलते हैं। चौराहे पर यातायात के भारी दबाव के कारण, दो बो-स्ट्रिंग ब्रिज के निर्माण का निर्णय लिया गया, प्रत्येक ब्रिज पर 50-50 फीट चौड़ी सड़क के साथ यातायात के लिए 100 फीट चौड़ा मार्ग उपलब्ध होगा। तीसरा बो-स्ट्रिंग ब्रिज बल्देवबाग चौराहे पर निर्मित किया गया है।फ्लाईओवर की लंबाई आइएसबीटी और अधारताल छोर पर बढऩे से प्रोजेक्ट में तीन अतिरिक्त निर्माण हो रहें हैं। इनमें दमोह नाका छोर पर एक रैम्प, चौराहे पर एक रोटरी और आइएसबीटी छोर पर एक सहायक रैम्प शामिल है। शहर के मुख्य मार्गों को फ्लाईओवर से जोडऩे के लिए दो मुख्य रैम्प सहित कुल आठ रैम्प का निर्माण किया जा रहा है। इनमें दमोह नाका और मदन महल छोर के मुख्य रैम्प और यातायात थाना मार्ग, गढ़ा मार्ग, लिंक रोड, महानद्दा छोर, आइएसबीटी, अधारताल छोर के रैम्प शामिल हैं।निर्माणाधीन केबल स्टे ब्रिज 18 एक्सट्रा डोज केबल लगाने का काम पूरा हो चुका है। मॉर्डन इंजीनियरिंग से बन रहे लंबे स्पॉन वाले इस ब्रिज का भार कुल 28 एक्सट्रा डोज केबल संभालेंगी। इस ब्रिज का निर्माण हो जाने पर ही फ्लाईओवर मदनमहल क्षेत्र से नगर के अन्य हिस्सों को जोड़ेगा। ब्रिज चालू होने पर शास्त्रीब्रिज पर भी यातायात का दबाव कम होगा।