हाई कोर्टं ने दुष्कर्मं के आरोपित का डीएनए टेस्ट न कराने पर बरती सख्ती
एसपी को दोषी अधिकारी पर कारज़्वाई के दिए निदेज़्श, कहा-चार माह के भीतर सुधारें गलती

जबलपुर, यशभारत। हाई कोर्ट ने दिव्यांग (मूक-बधिर) बालिका से दुष्कर्म के मामले में आरोपित का डीएनए टेस्ट न कराए जाने के रवैये को बेहद गंभीरता से लिया। सतना जिले के कोटर थाने में पदस्थ टीआइ की लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई। इसी के साथ एसपी सतना को निदेज़्श दिए कि दोषी अधिकारी के खिलाफ आवश्यक अनुशासनात्मक कारज़्वाई सुनिश्चित की जाए। यही नहीं चार माह के भीतर डीएनए टेस्ट न कराने की गलती सुधारकर ट्रायल कोटज़् के समक्ष रिपोटज़् प्रस्तुत करने की व्यवस्था दे दी।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार पालीवाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अवगत कराया गया कि सतना जिले के सिविल लाइंस थानांतगज़्त कठवरिया ग्राम निवासी 19 वषीज़्य आरोपित जय बच्चन उर्फ राजा ने कोटर थानांतगज़्त निवासी नाबालिग दिव्यांग बालिका से दुष्कर्म किया। शिकायत पर उसके खिलाफ मामला दजज़् कर गिरफ्तार किया गया। इसी मामले में हाई कोटज़् में जमानत की अजीज़् पेश की गई। सुनवाई के दौरान कोटज़् ने एफएसएल रिपोटज़् के अवलोकन से पाया कि पीडि़ता के कपड़ों में लगे धब्बों और आरोपित के रक्त के डीएनए सैम्पल टेस्ट कराने के लिए भेजे ही नहीं गए। इस पर जमानत अजीज़् वापस ले ली गई, लेकिन हाई कोटज़् ने इस बात को गंभीरता से लिया। हाई कोटज़् ने कहा कि मामला दिव्यांग बालिका से दुष्कमज़् का है। लिहाजा, एसपी स्वयं आरोपित का डीएनए टेस्ट करवा कर रिपोटज़् जल्द से जल्द प्रस्तुत करवाएं।