
नई दिल्ली: पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की सफल कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद, केंद्र सरकार ने आज सभी राजनीतिक दलों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ऑपरेशन की सफलता से सभी दलों को अवगत कराना और भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श करना है।
विपक्षी नेताओं ने लिया बैठक में हिस्सा
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता इस सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के लिए संसद भवन पहुंचे।
सरकार का स्पष्ट संदेश: देश एकजुट
बैठक के महत्व को रेखांकित करते हुए, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सशस्त्र बलों ने कुशलतापूर्वक अंजाम दिया है और इस पर सरकार का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यह स्पष्ट मंशा है कि ऐसे संवेदनशील मामलों पर पूरा देश एकजुट रहे।
संसद पुस्तकालय भवन में हुई महत्वपूर्ण चर्चा
किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी बैठक की जानकारी दी थी। यह महत्वपूर्ण बैठक आज पूर्वाह्न 11 बजे संसद परिसर स्थित संसद पुस्तकालय भवन में आयोजित की गई। सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के प्रत्युत्तर में की गई है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचों को नष्ट करना था।
‘ऑपरेशन सिंदूर’: आतंकियों के गढ़ ध्वस्त
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत, भारतीय सेना ने पीओके और पाकिस्तान के भीतर कई महत्वपूर्ण आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा के मरकज तैयबा (मुरीदके), जैश-ए-मोहम्मद के मरकज सुभान अल्लाह (बहावलपुर), हिजबुल मुजाहिदीन के महमूना जोया फैसिलिटी (सियालकोट), लश्कर का अड्डा (बरनाला) और मुजफ्फराबाद के शावाई नाला स्थित शिविर शामिल हैं।
पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने का संकल्प
यह सटीक कार्रवाई पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले के लगभग दो सप्ताह बाद की गई है, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का लक्ष्य इस जघन्य कृत्य के पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाना है। आज की सर्वदलीय बैठक में इस ऑपरेशन की सफलता और भविष्य में आतंकवाद के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों पर विस्तृत चर्चा की जा रही है।