सहायक आयकर आयुक्त से धोखाधड़ी : कोतवाली में एफआईआर दर्ज
जबलपुर, यशभारत। आयकर विभाग में पदस्थ सहायक आयकर आयुक्त के साथ जबलपुर में तीन लोगों ने धोखाधड़ी कर दी। आरोपियों में एक नोटरी की भूमिका भी संदिग्ध है जिसकी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि पूरा मामला फ र्जी नोटराइट शपथ पत्र से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने सहायक आयकर आयुक्त की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
कोतवाली पुलिस ने बताया कि गांधीगंज निवासी प्रियंक जैन ने पुलिस को बताया कि वह वर्तमान में सहायक आयकर आयुक्त (अंतर्राष्ट्रीय काराधान) सर्किल 2 (2) (1) मुंबई में पदस्थ है। उनकी पत्नी तन्वी जैन द्वारा घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के अनुभाग 12 के तहत लखनऊ में वाद दर्ज है। उसके अंतगज़्त मुझे अपनी आय, संसाधनों एवं जिम्मेदारियों से संबंधित शपथ पत्र न्यायालय में देना था। विगत 28 अगस्त 2021 को मैं शपथ पत्र बनवाने बलदेव बाग स्थित आरएस ऑनलाइन पहुंचा। जहां प्रोपराइटर सुमित जैन स्टांप पेपर उपलब्ध कराते हैं। इसके लिए सुमित की माता श्रीमती ममता जैन अधिकृत हैं। वही सुमित जैन द्वारा नोटरी के लिए आरएस ऑनलाइन के बलदेवबाग कार्यालय में ही बैठने वाले आनंद मोहन चौधरी से परिचय कराया। आरएस ऑनलाइन में आने वाले सभी लोगों की नोटरी आनंद मोहन चौधरी करते हैं। दिनांक 28 अगस्त 2021 को जब मैं शपथ पत्र बनवाने अपने मित्र राजदीप साहू के साथ बलदेव बाग स्थित आर एस ऑनलाइन कार्यालय गया तब वहां पर आनंद मोहन चौधरी ने हमारे सामने स्टांप पेपर में बाकायदा नोटिस टिकट लगाई, दिनांक, नाम एवं नोटरी की मुहर लगाई तथा एक रजिस्टर में मेरे हस्ताक्षर भी करवाए। नियम के अनुसार अपने सामने ही मुझसे शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करवाए। इसके बाद सभी वैधानिक प्रक्रिया पूर्ण करके आनंद मोहन चौधरी द्वारा नोटरी किए हुए शपथ पत्र को सहायक आयकर आयुक्त प्रियंक जैन ने 2 सितंबर 2021 को लखनऊ स्थित न्यायालय के समक्ष जमा करा दिया।
लखनऊ में चला धोखाधड़ी का पता
सहायक आयकर आयुक्त जैन ने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया है कि 29 अक्टूबर 2021 को लखनऊ में विपक्ष के अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि आनंद मोहन चौधरी का कहना है कि उन्होंने दिनांक 28 अगस्त 2021 को मेरे शपथ पत्र की नोटरी नहीं की थी। अधिवक्ता ने यह भी बताया कि आनंद मोहन चौधरी द्वारा उसके खिलाफ थाने में भी शिकायत दर्ज कराई गई है। इस बात का पता चलने पर सहायक आयकर आयुक्त के बड़े भाई डॉक्टर मयंक जैन आरएस ऑनलाइन कार्यालय बलदेवबाग पहुंचे।
ऐसे उठा पर्दा
सहायक आयकर आयुक्त के भाई डॉक्टर मयंक जैन को आर एस ऑनलाइन कार्यालय पहुंचने पर बताया गया कि जो व्यक्ति अभी तक अपना नाम आनंद मोहन चौधरी बताते थे एवं आनंद मोहन चौधरी के नाम से नोटरी हस्ताक्षर
करते थे, उसका असली नाम प्रतीक जैन है। प्रतीक जैन आनंद मोहन चौधरी के नाम से नोटरी करता है और इसके एवज में आनंद मोहन चौधरी को 10 हजार रुपए हर महीने दिया जाता है। इसलिए आनंद मोहन चौधरी , प्रतीक जैन को अपनी सील मोहर नाम इस्तेमाल करने देते हैं। इस बात का पता चलने पर सहायक आयकर आयुक्त प्रियंक जैन ने पुलिस में शिकायत की कि आनंद मोहन चौधरी (नोटरी) की भूमिका इस मामले में संदिग्ध है। ऐसा लग रहा है की आनंद मोहन चौधरी के साथ मिलकर प्रतीक जैन एवं सुमित जैन द्वारा कूट रचना करते हुए उसके साथ धोखाधड़ी की गई है। कोतवाली टीआई अनिल गुप्ता ने बताया कि सहायक आयकर आयोग की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है।