कटनीमध्य प्रदेश

माइनिंग ऑफिसर के चार्ज के लिए जमा रहे थे फील्डिंग, खुद के रचे खेल में फस गए कुशवाहा

कटनी। खनिज विभाग में संतोष सिंह के रिटायरमेंट के बाद से ही पवन कुशवाहा की नजर खनिज अधिकारी की कुर्सी पर है। वे इसके लिए भोपाल स्तर पर सारे फार्मूले आजमा रहे थे। विभाग के कुछ बड़े ओहदे वालों से डीलिंग तक की चर्चाएं सामने आ रही थी, पर बात बनती, इसके पहले वे होशियारी में एक कदम आगे चलकर अपने ही बुने जाल में फस गए। सूत्रों के मुताबिक कटनी में खनिज अधिकारी रिक्त के पद पर सिंगरौली में पदस्थ एके राय की नियुक्ति की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी थी, किंतु किसी पावरफुल व्यक्ति के प्रभाव में उनकी कटनी में पोस्टिंग रुक गई। सूत्र यह भी बताते हैं कि पवन कुशवाहा जब सतना में पदस्थ थे तब भी इनकी कार्यप्रणाली विवादों से घिरी रही।

गौरतलब है कि खनिज विभाग में नियम विरुद्ध भंडारण की अनुमति देने और लाइसेंस के नवीनीकरण के तीन मामलों में नियम विरुद्ध कार्य करने के मामले में जांच के बाद सहायक खनिज अधिकारी पवन कुमार कुशवाहा को सस्पेंड कर दिया गया है। कलेक्टर दिलीप यादव की अनुशंसा पर यह कार्यवाही जबलपुर संभाग के कमिश्नर अभय वर्मा ने की है। कुशवाहा ने खनिज अधिकारी के अधिकारों का इस्तेमाल खुद करते हुए संबंधित खदान संचालकों को लाभ दे दिया। ऐसा करने का अधिकार उन्हे विभागीय तौर पर था ही नही। जांच में यह कृत्य कदाचरण की श्रेणी में रखते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि कल 23 सितंबर के अंक में यशभारत ने यह मामला प्रमुखता से उठाया था। अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी यशभारत ने इस खबर को हाइलाइट किया था। खबर सामने आने के बाद कमिश्नर कार्यालय से सस्पेंशन लैटर जारी कर दिया गया। पूरे प्रकरण के संबंध में बताया गया है कि कटनी में संतोष सिंह के रिटायरमेंट के बाद खनिज अधिकारी का पद 2 माह 23 दिन से रिक्त है। कोई प्रभारी न होने से कलेक्टर ने तात्कालिक व्यवस्था के तौर पर संयुक्त कलेक्टर संस्कृति शर्मा को खनिज विभाग का अतिरिक्त प्रभार दे दिया। परमानेंट खनिज अधिकारी न होने का फायदा उठाते हुए सहायक खनिज अधिकारी पवन कुशवाहा खुद को सर्वेसर्वा मान बैठे और माइनिंग ऑफिस की पदमुद्रा का इस्तेमाल कर खदान संचालकों के काम सुलटाने में लग गए। उन्होंने भंडारण की अवधि बढ़ाने से संबंधित रेफकास्ट एंड सिरेमिक इंडस्ट्रीज, सिद्ध एसोसिएट तथा प्रहलाद इंटरप्राइजेज की फाइलों के नवीनीकरण की अनुमतियां खुद के हस्ताक्षर से जारी कर दी। पता चला है कि ऐसा करने में लंबा लेनदेन किया गया। उन्होंने गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले 6 सितंबर को उक्त तीनों नवीन अनुज्ञप्तियां जारी की। उसके अगले 3 तीन दिन तक सरकारी कार्यालय बंद थे, लिहाजा उन्होंने सोचा सबकुछ गोपनीय रहते हुए अवकाश में सामान्य हो जायेगा, लेकिन सारी बात बाहर आ गई।

सूत्र बताते हैं कि इस पूरे गोलमाल की जानकारी जब प्रभारी अधिकारी संस्कृति शर्मा को लगी तो उन्होंने कलेक्टर दिलीप यादव को सूचित किया। कलेक्टर ने तीनों प्रकरणों से जुड़ी फाइल तलब कर जांच शुरू की और सारा मामला सामने आने पर संभागायुक्त अभय वर्मा को पत्र लिखकर विभागीय कार्यवाही की अनुसंशा कर दी। कमिश्नर ने अपने स्तर पर पूरी पड़ताल कर मामले में दोषी मानते हुए पवन कुशवाहा को निलम्बित करने के आदेश कल शाम जारी कर दिए।

इन फर्मों का कराया फायदा

रेफकास्ट एंड सिरेमिक इंडस्ट्रीज

ग्राम झिंझरी तहसील मुड़वारा स्थित भूमि खसरा नंबर 1446, 1447, 1463, 1405 कुल रकबा 2.45 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिज लाईम स्टोन, बाक्साईड, पायरोफ्लाईट, कोयला एवं क्ले के भण्डारण हेतु मेसर्स रेफकास्ट एंड सिरेमिक इण्डस्ट्रीज के पार्टनर ध्रुव माहेश्वरी सिविल लाईन को 24 जून 2019 से 23 जून 2024 तक पांच साल के लिए भंडारण स्वीकृति जारी थी। समयावधि पूरा होने पर संबंधित ने नवीनीकरण का आवेदन दिया। कुशवाहा ने बीती 6 सितंबर को अपने स्तर पर ही, भंडारण अवधि 23 जून 2029 तक बढ़ाते हुए इसकी की अनुज्ञप्ति जारी कर दी।

सिद्ध एसोसिएट्स

औद्योगिक क्षेत्र लमतरा तहसील स्थित भूमि खसरा नंबर 2, 3 के प्लाट नंबर 5 के रकवा 4500 वर्गमीटर क्षेत्र पर खनिज बाक्साइट, डोलोमाईट, पायरोफ्लाईट एवं फायर क्ले के भंडारण हेतु मेसर्स सिद्ध एसोसिएट्स, प्रोपराईटर अर्पित जैन को खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति 30 जून 2019 से 29 जून 2024 तक पांच वर्ष के लिये जारी की गई थी। खनिज व्यापारी द्वारा 6 जून 2024 को अनुज्ञप्ति की अवधि 5 वर्ष तक बढ़ाने का आवेदन किया। कुशवाहा ने अपने स्तर पर ही 20 जून 2029 तक की नवीनीकरण अनुज्ञप्ति जारी कर दी।

प्रहलाद इंटरप्राइजेज

ग्राम बाकी तहसील मुड़वारा जिला कटनी स्थित भूमि खसरा नंबर 385/1, 387/1, 388/1 कुल रकवा 0.680 हेक्टेयर क्षेत्र पर कोयला के भंडारण को लेकर प्रहलाद कुमार अग्रवाल की मेसर्स प्रहलाद इन्टरप्राइजेज को 27 जून 2021 से 26 जून 2026 तक की अवधि की अनुज्ञप्ति जारी की गई थी। प्रोपराइटर अग्रवाल ने लेटेराइट, बाक्साइट, लाइमस्टोन, आयरनओर एवं डोलोमाइट के भंडारण की भी अनुमति तथा भंडारण समयावधि बढ़ाने आवेदन किया था। कुशवाहा ने जिले के प्रभारी अधिकारी के अनुमोदन के बिना, पद मुद्रा का दुरूपयोग करते हुए न सिर्फ भंडारण अवधि 26 जून 2031 तक बढ़ा दी बल्कि अन्य खनिजों के भंडारण की भी अनुमति दे दी।

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