भारत मौसम विज्ञान विभाग ने साल 2022 के लिए दक्षिण पश्चिम मानसून का पूर्वानुमान जारी किया है। विभाग के मुताबिक मानसून मौसमी वर्षा का एलपीए 99% होने की संभावना है और इसमें 5% की कमी या बढ़ोतरी हो सकती है। अनुमान यह भी है कि देशभर में मानसून एक जैसा रह सकता है।
उत्तर भारत में फिर अच्छी होगी बारिश
भारत के उत्तरी भागों और इससे सटे मध्य भारत के कई हिस्सों, हिमालय की तलहटी और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है। पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों, उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ क्षेत्रों और दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश की संभावना बताई गई है यह अनुमान 1971-2020 के टाइम पीरियड में 87 सेमी के औसत के आधार पर लगाया है। यानी इसमें बारिश (LPA) के मुताबिक 96% से 104% तक होगी। इसके लिए विभाग ने देशभर में 4132 रेनगेज स्टेशन से मिला डेटा इस्तेमाल किया है।
मौसम विभाग के डेटा के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए 1971-2020 के आधार पर ऑल इंडिया लेवल पर सामान्य बारिश 868.6 मिमी है। इससे पहले 1961-2010 के आधार पर 880.6 मिमी रही। यानी एक दशक के अंदर 12 सेमी का अंतर आया है। जिसके चलते अब कम बारिश को सामान्य माना जा रहा है।