द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 99 साल की उम्र में ब्रह्मलीन
द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 99 साल की उम्र में ब्रह्मलीन हो गए।
नर सिंहपुर में ज्योतिष और द्वारका शारदा पीठ के चार्य स्वामी शंकराचार्य सरस्वती का 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने अपनी अंतिम सांस नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में दोपहर साढ़े 3 बजे ली। स्वामी शंकराचार्य लंबे समय से बीमार चल रहे थे। स्वामी शंकराचार्य आजादी की लड़ाई में जेल भी गए थे। वहीं उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी।
तीज पर मनाया था जन्मदिन जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी दो मठों (द्वारका एवं ज्योतिर्मठ) के शंकराचार्य हैं। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म सिवनी जिले में जबलपुर के पास दिघोरी गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता ने इनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था। महज 9 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ धर्म की यात्रा शुरू कर दी थी। इस दौरान वो उत्तरप्रदेश के काशी भी पहुंचे और यहां उन्होंने ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज वेद-वेदांग.. ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ली। साल 1942 के इस दौर में वो महज 19 साल की उम्र में क्रांतिकारी साधु के रूप में प्रसिद्ध हुए थे, क्योंकि उस समय देश में अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई चल रही थी । जगतगुरु शंकराचार्य का 99वां जन्मदिन हरियाली तीज के दिन मनाया था।